नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि मोदी सरकार किसान आंदोलन को नये सिरे से बदनाम करने की कोशिश कर रही है, जिसका किसान संगठन विरोध करते हैं।
एसकेएम ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि ‘हम एफआईआर में स्पष्ट रूप से झूठे और द्वेषपूर्ण आरोपों को खारिज करता है कि, ‘किसान आंदोलन अवैध विदेशी फंडिंग के माध्यम से देश में जीवन के लिए आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं को बाधित करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और नष्ट करने, भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और आंतरिक कानून और व्यवस्था की समस्याएं पैदा करने के लिए था।’
एसकेएम ने कहा कि न्यूज़क्लिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर मोदी सरकार की ओर से किसान आंदोलन पर नए सिरे से हमला किया गया है। इसके विरोध में किसान संगठन देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। एसकेएम सभी राज्य राजधानी, जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालयों पर न्यूज़क्लिक एफआईआर में किसान आंदोलन के खिलाफ लगाए गए झूठे और अपमानजनक आरोपों को तत्काल वापस लेने की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध सभाएं आयोजित करेगा।
इस मुद्दे पर एसकेएम नेताओं के प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री और दिल्ली पुलिस आयुक्त को किसान आंदोलन के खिलाफ सभी आरोपों को तुरंत वापस लेने के लिए ज्ञापन सौंपेंगे। आरोप वापस न लेने की स्थिति में प्राधिकरणों के कार्यालयों के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जाएगा।