मेरठ। नगर निगम का कबाड़ से जुगाड़ कर महात्मा गांधी की प्रतिमा बनाकर श्रद्धांजलि देना भारी पड़ गया। सोशल मीडिया पर नगर निगम के इस प्रयास की जमकर आलोचना हुई जिसके बाद अब इस प्रतिमा को हटाने का निर्णय लिया गया है।
मेरठ में गांधी जयंती के अवसर पर नगर निगम ने कबाड़ से जुगाड़ के तहत महात्मा गांधी की मूर्ति बनाई। इस मूर्ति को कमिश्नरी के पास सेल्फी पॉइंट पर लगाया था। जो शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रही है। हालांकि नगर निगम का यह प्रयास लोगों के गले नहीं उतरा और सोशल मीडिया पर देश के महापुरुष महात्मा गांधी को इस प्रकार से श्रद्धांजलि देने पर खूब खरी खोटी सुनाई और इसे शर्मनाक बताया।
नगर निगम द्वारा बनाई गई प्रतिमा को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लोगों ने लिखा कि यह शर्मनाक है। नरेंद्र प्रताप नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कबाड़ से जुगाड़’ के नाम पर 1.25 लाख का कबाड़ खड़ा करके निगम निगम ने इसे बापू की प्रतिमा का नाम दिया है। भुतिहा चरित्र की तरह दिखने वाला यह स्टेच्यू संसार भर में पूज्यनीय अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की गरिमा और सम्मान से साथ भद्दा मजाक है।
एक अन्य यूजर ने लिखा कि नगर निगम के भ्रष्टाचारी अफसर हर दिन ऐसेे हथकंडों से सरकारी पैसा ठिकाने लगाते हैं। सवाल है कि अगर यह रचनात्मकता है तो क्या निगम का कोई अफसर अपने पिता/दादा कि ऐसी स्टूच्यू बनवाकर अपने घर में रखना चाहेगा? क्या कोई अफसर पीएम और सीएम की ऐसी स्टेच्यू बनवाने की हिम्मत कर सकता है?
हालांकि बापू की प्रतिमा की आलोचना और मामले को तूल पकड़ता देख नगर निगम बैकफुट पर आ गया और अपर नगर आयुक्त ने प्रतिमा हटाने के निर्देश जारी कर दिए। उन्होंने कहा जो हमारे पास स्क्रैप का कैसे कलात्मक रूप से कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं इस उद्देश्य से शहर में ऐसी कलाकृतियां बनाई गई हैं।