जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने पद खाली नहीं होने के बावजूद भी प्रिंसिपल का तबादला करने पर नाराजगी जताई है। इसके साथ ही अदालत ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को 13 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर इस संबंध में जवाब पेश करने को कहा है।
जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश योगेश उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता के पहले वाले स्थान पर अन्य प्रिंसिपल ने कार्य ग्रहण कर लिया है और जहां उसका तबादला किया है, वहां पद रिक्त नहीं है। ऐसे में वह कार्य ग्रहण करने में असमर्थ है।
याचिका में अधिवक्ता अखिल सिमलोट ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का चयन महात्मा गांधी स्कूल, वाटिका में हुआ था। वहीं तीन माह बाद उसका तबादला धौलपुर में कर दिया। जिस पर सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने रोक लगाते हुए विभाग को छूट दी कि वह चाहे तो नए सिरे से आदेश पारित कर सकता है। इस पर विभाग ने उसका तबादला फागी कर दिया। इस आदेश पर भी अधिकरण ने रोक लगा दी। वहीं बाद में अधिकरण ने उसके धौलपुर हुए तबादले को रद्द कर दिया, लेकिन वाटिका स्कूल में हुए अन्य प्रिंसिपल के तबादले को निरस्त नहीं किया।
इसके अलावा अधिकरण ने याचिकाकर्ता के फागी में हुए तबादले को लेकर पेश अपील को खारिज कर दिया। इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि फागी स्कूल में प्रिंसिपल का पद रिक्त नहीं है। इस पर अदालत ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक अदालत में आकर बताए कि याचिकाकर्ता का पूर्व के पद पर दूसरे प्रिंसिपल ने कार्य ग्रहण कर लिया है और फागी स्कूल में पद रिक्त नहीं है। ऐसे में याचिकाकर्ता पदभार कहां ग्रहण करे।