मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर के द. एस. डी. पब्लिक स्कूल के प्रांगण में एक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा 6 से कक्षा बारहवीं तक के विद्यार्थियों द्वारा नई शिक्षा नीति से संबंद्ध शिक्षाशास्त्र के विभिन्न प्रारूपों पर आधारित विज्ञान,गणित,अंग्रेजी, हिंदी आदि विषयों के प्रतिरूप (मॉडल) एवं परियोजनाओं की सुंदर एवं भव्य प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें डॉ. धर्मेंद्र शर्मा (जिला विद्यालय निरीक्षक, मुजफ्फरनगर), डॉ. मृदुला मित्तल (भूतपूर्व सहप्राध्यापिका रासायन विभाग) एवं डॉ. राधा मोहन तिवारी (भूतपूर्व विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी विभाग,) डी.ए.वी. स्नाकोत्तर महाविद्यालय ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों के रूप में उपस्थित होकर कार्यक्रम का मान बढ़ाया।
सर्वप्रथम विद्यालय निर्देशिका श्रीमती चंचल सक्सेना एवं प्रधानाचार्य श्रीमती नीलम माहना द्वारा पौधा देकर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत, अभिनंदन किया गया। प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा फीता काटकर किया गया। तत्पश्चात उन्होंने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर मां सरस्वती का वंदन किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप एवं शिक्षाशास्त्रों के सिद्धांतों पर आधारित कई ज्ञानवर्धक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। छात्रों द्वारा ‘तराने नए पुराने, अलंकार के बहाने’ नुक्कड़ नाटिका एवं ‘पार्ट्स ऑफ स्पीच’, ‘टेंसेज’ (काल एवं क्रिया) थीम पर आधारित अंग्रेजी नाटिका प्रस्तुत की गई। ग्रामीण जीवन में विज्ञान एवं तकनीकी के महत्व को दर्शाते हुए ‘समस्या है तो समाधान’ विषय पर भी एक सुंदर नाटिका का मंचन किया गया।
मुख्य अतिथि ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि छात्रों ने बहुत ही सुंदर प्रतिरूपों की रचना की है। उन्होंने बच्चों के अथक परिश्रम और प्रयासों की भूरि- भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जब किसी कार्य को करके सीखते हैं, तो वह अधिगम अधिक समय तक स्थायी रहता है और जीवन के लिए उपयोगी सिद्ध होता है।
विद्यालय प्रधानाचार्या श्रीमती नीलम माहना ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रदर्शनी के उद्देश्य को साझा करते हुए कहा कि विद्यालय का प्रयास है कि वह बच्चों की छिपी हुई प्रतिभा, रचनात्मकता एवं सृजनशीलता को सामने लाएं इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन द्वारा छात्रों में टीमवर्क एवं सहयोग की भावना के साथ-साथ क्रिटिकल थिंकिंग, एक्सपीरियंशल लर्निंग, प्राॅबलम सॉल्विंग जैसे कौशल का भी विकास होता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी का सहयोग सराहनीय रहा।