Friday, September 20, 2024

महिला अपराधों के खिलाफ अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी​ – राजनाथ

​नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि देश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और अपराधों को देखते हुए तमाम बदलावों के बावजूद ऐसा लगता है कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हमारी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति सख्त रवैया अपनाया है लेकिन कई राज्य इस दिशा में ईमानदारी से प्रयास नहीं कर रहे हैं। कोलकाता में हाल ही में हुई दिल दहला देने वाली घटना बेहद दुखद और शर्मनाक है। हमने बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए मृत्युदंड का प्रावधान करने के लिए कानून में संशोधन किया है। इस कानून का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

तिरुवनंतपुरम में एक कॉन्क्लेव में राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले दस वर्षों में हमारे देश ने कई ‘युगान्तरकारी परिवर्तन’ देखे हैं। आर्थिक सुधारों से लेकर बड़े सामाजिक परिवर्तन तक, सांस्कृतिक पुनरुत्थान से लेकर महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तनों तक कई बड़े बदलाव हुए हैं। इस परिवर्तन में सरकार के साथ-साथ हमारे देश के नागरिकों ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सशस्त्र बलों में महिलाओं के प्रवेश की अनेक बाधाएं दूर की गई हैं। सशस्त्र बलों के तीनों विंग में हमने महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया है। सैनिक स्कूलों में भी महिलाओं को प्रवेश दिया जा रहा है।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

कॉन्क्लेव में सिंह ने कहा कि आज भारत ग्लोबल साउथ की सबसे बड़ी आवाज बन गया है। हर देश अब महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत की राय को तवज्जो देता है। आज दुनिया भारत को अलग नजरिए से देखती है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूक्रेन और रूस की यात्रा पर थे। वे दुनिया के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिनकी बात आपस में युद्धरत दोनों देश सुनते हैं। सबसे प्रतिष्ठित सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों में से एक राष्ट्रीय रक्षा अकादमी को भी महिलाओं के लिए खोल दिया गया है। अब देश भर से सैकड़ों-हजारों युवा लड़कियां एनडीए प्रवेश परीक्षा में भाग लेती हैं।

​उन्होंने कहा कि देश का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। हमारा लक्ष्य इस वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ तक पहुंचना है। 2029 तक हम भारत में 3 लाख करोड़ रुपये मूल्य का रक्षा उत्पादन हासिल करना चाहते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम भारत में बने रक्षा उपकरणों का निर्यात भी कर रहे हैं। वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात 21 हजार करोड़ रुपये को पार कर गया है। हमारा लक्ष्य 2029 तक रक्षा निर्यात को 50 हजार करोड़ तक बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद भारत की स्थिति बदली जब रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने का काम शुरू हुआ। एक समय था जब देश में करीब 65-70 प्रतिशत रक्षा उपकरण आयात किए जाते थे लेकिन आज ये स्थिति बदल गई है। अब सिर्फ 35 प्रतिशत रक्षा उपकरण आयात किए जा रहे हैं। बाकी 65 प्रतिशत उपकरण अब भारत में ही बन रहे हैं।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,334FansLike
5,410FollowersFollow
107,418SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय