मध्य प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस )के अफसर हो या भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस ) के अफसर हो, अधिकांश को अपने कुशल व्यवहार और शिष्टाचार के लिए जाना जाता रहा है। मध्य प्रदेश के लोग भी शिष्टाचार के लिए अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर अपने व्यवहार से पूरे देश की ब्यूरोक्रेसी में चर्चा का विषय बन गए हैं। मध्य प्रदेश के ये अफसर अपने अच्छे कामों की जगह अपने खराब व्यवहार और शिष्टाचार को तार-तार करने के कारण पूरे देश में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। खासबात यह है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव खराब व्यवहार और काम के प्रति लापरवाह अफसरों को लेकर सख्त है, इसके बाद भी अफसर उसी परिसर में भिड़ गए जहां मुख्यमंत्री स्वयं बैठते हैं।
ताजा मामला जेल विभाग के प्रमुख सचिव (प्रिंसिपल सैकेट्री) मनीष रस्तोगी और इसी विभाग के सचिव ललित दाहिमा का सामने आया है। दोनों ही आईएएस अफसर हैं। अंतर इतना है कि मनीष रस्तोगी डायरेक्ट आईएएस बने हैं, जबकि दाहिमा मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा से पदोन्नत होकर आईएएस अवार्ड हुए हैं। दोनों अफसरों का विवाद उस परिसर में हुआ जिसमें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सहित सभी मंत्री और मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा का दफ्तर हैं। उसी परिसर में दोनों अफसरों के बीच जमकर तू-तू-मैं-मैं हो गई।
आखिर क्यों देश भर में चर्चित हुए मध्य प्रदेश के अफसर
विभाग के सचिव ललित दाहिमा ने विवाद से एक दिन पहले ही कार्यभार संभाला था। बीस मार्च की सुबह लगभग दस बजे प्रमुख सचिव की पीए ने फोन कर सचिव दाहिमा, उपसचिव कमल नागर और अन्य संबंधित अफसरों – कर्मचारियों को चर्चा के लिए बुलाया था। दाहिमा मंत्रालय आए तो चार मिनट लेट हो गए। रस्तोगी अपने सचिव के देरी से आने पर नाराज हो गए और इसके साथ ही विवाद शुरू हो गया। दोनों अफसर एक दूसरे से तेज आवाज में बात करने लगे। मनीष रस्तोगी के कक्ष के दरवाजे बंद नहीं रहते इसलिए आवाज बाहर तक जा रही थी और मंत्रालय के कई कर्मचारी और अन्य लोग वहां एकत्रित हो गए। रस्तोगी ने फाइलों पर नोटिंग को लेकर भी आपत्ति जताते हुए दाहिमा को इससे रोका। इससे विवाद और बढ़ गया। अब मामला मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा तक पहुंच गया है। ललित दाहिमा ने इस पूरे मामले की शिकायत मुख्य सचिव को की है। जब यह विवाद हुआ तब प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के चैम्बर का दरवाजा खुला हुआ तो जेल विभाग के अधिकांश अफसरों और कर्मचारियों ने इस विवाद को देखा और सुना। इसके बाद यह खबर मध्य प्रदेश की सुर्खियों में आ गई।
रस्तोगी का विवादों से रहा है नाता-
सामान्य प्रशासन विभाग और जेल विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी का विवादों से पुराना नाता रहा है। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव रहते हुए उनके अधीनस्थ उपसचिव रहे राजेश ओगरे से भी उनका विवाद हो चुका है। ओगरे अपनी बहन के दिवंगत होने पर तीन दिन छुट्टी लेकर चले गए थे। वापस आने पर बातचीत के दौरान रस्तोगी ने उनसे यह बोल दिया था कि किसी की मृत्यु होने से कामकाज नहीं रुक जाता। इस पर ओगरे पंद्रह दिन की मेडिकल लीव लेकर चले गए और दुबारा यहां वापस नहीं आए। उनकी मेडिकल लीव रस्तोगी ने स्वीकृत नहीं की। इसी तरह राजस्व विभाग में पोस्टिंग के बाद काम नहीं मिलने पर प्रमुख सचिव से मिलने पहुंची उपसचिव नेहा मारव्या से भी रस्तोगी का विवाद हो गया था। नेहा ने इसकी शिकायत भी उच्च स्तर पर की थी।
आईएएस अफसर कन्याल दिखा रहे थे ड्राइवर को औकात
शाजापुर के पूर्व कलेक्टर किशोर कन्याल बीते दिनों ट्रक ड्राइवर को ‘तुम्हारी औकात क्या है से चर्चा में आ गए थे। दरअसल ट्रक ड्राइवर्स के साथ मीटिंग में तत्कालीन कलेक्टर किशोर कन्याल उग्र हो गए, क्योंकि एक ड्राइवर ने उनकी बात काट कर अपनी बात रखी। इस पर कलेक्टर साहब ने ट्रक ड्राइवर को कह दिया कि तुम्हारी औकात क्या है।इस घटना का वीडियो देश भर में जमकर वायरल हुआ। इसके बाद कलेक्टर को यहां से हटाया गया। यह मामला दो महीने पहले का है।
पवन वर्मा, विनायक फीचर्स
ताजा मामला जेल विभाग के प्रमुख सचिव (प्रिंसिपल सैकेट्री) मनीष रस्तोगी और इसी विभाग के सचिव ललित दाहिमा का सामने आया है। दोनों ही आईएएस अफसर हैं। अंतर इतना है कि मनीष रस्तोगी डायरेक्ट आईएएस बने हैं, जबकि दाहिमा मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा से पदोन्नत होकर आईएएस अवार्ड हुए हैं। दोनों अफसरों का विवाद उस परिसर में हुआ जिसमें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सहित सभी मंत्री और मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा का दफ्तर हैं। उसी परिसर में दोनों अफसरों के बीच जमकर तू-तू-मैं-मैं हो गई।
आखिर क्यों देश भर में चर्चित हुए मध्य प्रदेश के अफसर
विभाग के सचिव ललित दाहिमा ने विवाद से एक दिन पहले ही कार्यभार संभाला था। बीस मार्च की सुबह लगभग दस बजे प्रमुख सचिव की पीए ने फोन कर सचिव दाहिमा, उपसचिव कमल नागर और अन्य संबंधित अफसरों – कर्मचारियों को चर्चा के लिए बुलाया था। दाहिमा मंत्रालय आए तो चार मिनट लेट हो गए। रस्तोगी अपने सचिव के देरी से आने पर नाराज हो गए और इसके साथ ही विवाद शुरू हो गया। दोनों अफसर एक दूसरे से तेज आवाज में बात करने लगे। मनीष रस्तोगी के कक्ष के दरवाजे बंद नहीं रहते इसलिए आवाज बाहर तक जा रही थी और मंत्रालय के कई कर्मचारी और अन्य लोग वहां एकत्रित हो गए। रस्तोगी ने फाइलों पर नोटिंग को लेकर भी आपत्ति जताते हुए दाहिमा को इससे रोका। इससे विवाद और बढ़ गया। अब मामला मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा तक पहुंच गया है। ललित दाहिमा ने इस पूरे मामले की शिकायत मुख्य सचिव को की है। जब यह विवाद हुआ तब प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के चैम्बर का दरवाजा खुला हुआ तो जेल विभाग के अधिकांश अफसरों और कर्मचारियों ने इस विवाद को देखा और सुना। इसके बाद यह खबर मध्य प्रदेश की सुर्खियों में आ गई।
रस्तोगी का विवादों से रहा है नाता-
सामान्य प्रशासन विभाग और जेल विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी का विवादों से पुराना नाता रहा है। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव रहते हुए उनके अधीनस्थ उपसचिव रहे राजेश ओगरे से भी उनका विवाद हो चुका है। ओगरे अपनी बहन के दिवंगत होने पर तीन दिन छुट्टी लेकर चले गए थे। वापस आने पर बातचीत के दौरान रस्तोगी ने उनसे यह बोल दिया था कि किसी की मृत्यु होने से कामकाज नहीं रुक जाता। इस पर ओगरे पंद्रह दिन की मेडिकल लीव लेकर चले गए और दुबारा यहां वापस नहीं आए। उनकी मेडिकल लीव रस्तोगी ने स्वीकृत नहीं की। इसी तरह राजस्व विभाग में पोस्टिंग के बाद काम नहीं मिलने पर प्रमुख सचिव से मिलने पहुंची उपसचिव नेहा मारव्या से भी रस्तोगी का विवाद हो गया था। नेहा ने इसकी शिकायत भी उच्च स्तर पर की थी।
आईएएस अफसर कन्याल दिखा रहे थे ड्राइवर को औकात
शाजापुर के पूर्व कलेक्टर किशोर कन्याल बीते दिनों ट्रक ड्राइवर को ‘तुम्हारी औकात क्या है से चर्चा में आ गए थे। दरअसल ट्रक ड्राइवर्स के साथ मीटिंग में तत्कालीन कलेक्टर किशोर कन्याल उग्र हो गए, क्योंकि एक ड्राइवर ने उनकी बात काट कर अपनी बात रखी। इस पर कलेक्टर साहब ने ट्रक ड्राइवर को कह दिया कि तुम्हारी औकात क्या है।इस घटना का वीडियो देश भर में जमकर वायरल हुआ। इसके बाद कलेक्टर को यहां से हटाया गया। यह मामला दो महीने पहले का है।
पवन वर्मा, विनायक फीचर्स