मुजफ्फरनगर। स्कूल की छुट्टी होने के बाद अन्य छात्र-छात्राओं के साथ वापस घर लौट रहा बालक स्कूल के समीप से होकर बह रहे खुले नाले के भीतर जा गिरा। बालक को नाले में गिरा देखकर एक राहगीर तुरंत अपनी जान और कपड़ों की परवाह किए बगैर नाले में कूद पड़ा और उसने बालक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
मंगलवार को थाना नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के कूकड़ा स्थित जीसी पब्लिक स्कूल में दोपहर बाद अपराह्न के समय जब छुट्टी हुई तो विद्यालय के अन्य छात्र-छात्राओं की तरह एक बालक भी अपनी साइकिल पर सवार होकर अपने घर की तरफ चल दिया। नाले की पटरी से होते हुए अपने घर की तरफ चल रहे छात्र की साइकिल अचानक से नियंत्रित हो गई और वह साइकिल समेत नाले के भीतर जा गिरा। बालक के नाले में गिरते ही अन्य बच्चों में बुरी तरह से अफरा तफरी मच गई।
बच्चों ने जैसे ही मदद के लिए शोर मचाया वैसे ही सड़क से होकर गुजर रहे राहगीर ने बालक को पानी में डूबते देखकर अपनी जान की परवाह किए बगैर कपड़ों समेत गंदे नाले में छलांग लगा दी और पानी में डूब रहे बालक को सुरक्षित बाहर निकाल कर ले आया। इसी बीच मौके पर जमा हुए लोगों ने राहगीर की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए उसे बालक के लिए साक्षात ईश्वर बताया और कहा की इतनी सर्दी में यदि राहगीर पानी में डूब रहे बच्चे को गंदे नाले में कूद कर नहीं बचता तो थोड़ी ही देर में बालक की मौत भी हो सकती थी।
उल्लेखनीय है कि जनपद में अनेक ऐसे स्कूल है, जो नाले की पटरी पर बनाए गए हैं। स्कूल में आते-जाते समय बच्चों के साथ इस तरह के हादसे होना आम बात हो चली है। परंतु दुखद स्थिति यह है कि लगातार हो रहे हादसों के बावजूद कोई भी स्कूल प्रबंधन इससे सबक लेते हुए नालों को ढकवाने के प्रयास नहीं कर रहा है। उधर शिक्षा विभाग भी इस बात को देखने की जहमत नहीं उठाता है कि स्कूल बच्चों के लिए किसी सुरक्षित स्थान पर है अथवा नहीं।