चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आगामी मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए राज्यभर में चल रही अल्पकालिक परियोजनाओं की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून से पहले सभी आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री सैनी ने सोमवार को सिंचाई एवं जल संसाधन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी तथा शहरी स्थानीय निकाय विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में निर्देश दिए गए कि राज्य में सभी ड्रेनों और माइनरों की तत्काल सफाई सुनिश्चित की जाए, ताकि बारिश के दौरान किसी भी प्रकार की जलभराव या बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरस्वती नदी, मारकंडा नदी और टांगरी नदियों की भी डिसिल्टिंग करके गहराई सुनिश्चित करते हुए रिवर बेड को सुदृढ़ किया जाए, जिससे जलधाराओं का प्राकृतिक प्रवाह बना रहे।
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने ड्रेनों की सफाई कराने के दिए निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रेनों में जलकुंभी आदि की तुरंत सफाई करवाई जाए, ताकि जल प्रवाह में कोई बाधा उत्पन्न न हो। साथ ही, सभी बांधों की पूर्व जांच की जाए और यदि कहीं भी कोई कमी या क्षति पाई जाती है तो उसे समय रहते ठीक किया जाए। उन्होंने कहा कि मानसून से पहले सभी अल्पावधि कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा किया जाए और सिंचाई एवं जल संसाधन व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी स्थानीय जन प्रतिनिधियों और संबंधित उपायुक्त को भी दी जाए। राज्य में खालों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेशभर में 20 वर्ष से पुराने खालों की सूची तैयार की जाए, ताकि उनकी सफाई व मरम्मत की कार्य योजना बनाई जा सके।
30 जून तक ड्रेनों की सफाई का कार्य पूरा करने का लक्ष्य बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में 282 करोड़ रुपए की लागत की 209 अल्पावधि परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। इनमें से 103 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है और शेष परियोजनाएं अनुमोदन के विभिन्न चरणों में हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि 30 जून तक सभी ड्रेनों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मानसून से पहले सभी वाटर हार्वेस्टिंग और वाटर रिचार्जिंग स्ट्रक्चरों की सफाई और सुदृढ़ीकरण के निर्देश भी दिए, ताकि वर्षा जल का अधिकतम संचयन और भूजल स्तर को बेहतर बनाने के प्रयास सफल हो सकें।