नोएडा। नोएडा प्राधिकरण के खाते से 3 करोड़ 80 लाख रुपए निकालने के मामले में पुलिस ने कई अभियुक्तों की पहचान की है। एक अभियुक्त अब्दुल खादर को पुलिस ने कल गिरफ्तार किया था। आज उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां से न्यायालय ने उसको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
नोएडा पुलिस के अधिकारियों के अनुसार उसे पूछताछ के दौरान पता चला है कि गिरोह का मास्टरमाइंड मनु पोला है। इस गैंग में राजेश, अब्दुल खादर सहित कई लोग शामिल हैं। पुलिस के अधिकारियों के अनुसार इस गैंग में कुछ और लोग शामिल हैं उनके भी नाम का जल्द खुलासा किया जाएगा। पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार अब्दुल खादर ने बताया कि मनु पोला ने उसे आई कार्ड, विजिटिंग कार्ड और मोहर आदि बनवा कर दिए थे।
मनु ने ही उसे फर्जी कागजात देकर नोएडा प्राधिकरण की एफडी का खाता खोलने के लिए भेजा था। इसके लिए उसे 10 लाख रुपए मिलने थे। प्राधिकरण के अधिकारी बनकर अब्दुल ने बैंक में खाता खुलवाया। खाता खुलवाने के बाद उसने मैनेजर से एफडी बनाने को कहा। मैनेजर ने उसे 30 जून तक एफडी बनाने को कहा। उसने बैंक मैनेजर से ठेकेदारी के लिए तीन अलग-अलग नामों से खाते खुलवाए। उसने 23 जून को बैंक मैनेजर से 200 करोड़ खाते में आने की बात कही। राशि 26 जून को ट्रांसफर की गई। अब्दुल का कहना है कि मनु पोला व राजेश उसे जैसा बोलते थे वह वैसा ही काम करता था।
वहीं पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि बैंक में 200 करोड़ रूपया जमा करने की जानकारी नोएडा प्राधिकरण के किन-किन लोगों के पास थी। बताया जाता है कि प्राधिकरण किसी भी बैंक में फिक्स डिपॉजिट करने से पहले फाइल पर मंजूरी लेता है। यह फाइल नीचे से ऊपर तक पहुंचती है। इन सभी स्तरों की जांच पुलिस के आला अधिकारी कर रहे हैं। पुलिस प्राधिकरण में लगे सीसीटीवी कैमरे की भी जांच कर रही है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि ठग प्राधिकार के अंदर तक कैसे आए। प्राधिकरण में किसने आरोपियों की मदद की। बताया जा रहा है कि इस मामले में पुलिस ने प्राधिकरण के चार अधिकारियों से भी पूछताछ की है।
बताया जाता है कि इस ठगी को अंजाम देने के लिए देश के अलग-अलग स्थानों से 5 लोगों को नोएडा बुलाया गया था। पांचों आरोपियों को अलग-अलग काम बांटे गए थे। आरोपियों ने 200 करोड़ रुपए उड़ाने की पूरी साजिश रची थी। मास्टरमाइंड मनु पोला सभी को व्हाट्सएप से निर्देश देता था। अब्दुल खादर के पकड़े जाने की सूचना मिलने पर मनु फ्लाइट से कोलकाता भाग गया।
सूत्रों का कहना है कि अब्दुल ने खुद को हायर किए जाने की बात कही है। यह भी बताया जा रहा है कि अब्दुल और मनु पोला 4 वर्ष पहले किसी अन्य के जरिए पांडुचेरी में मिले थे। इसके बाद ये लोग ठगी के धंधे में एक साथ काम करने लगे।
इस घोटाले के खुलासे के बाद बैंक ऑफ इंडिया ने नोएडा प्राधिकरण के 196.2 करोड़ रुपया वापस कर दिया है। बैंक ने ठगी गई रकम को भी नोएडा प्राधिकरण को वापस करने का वादा किया है। बताया जाता है कि इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से भी चूक हुई है। ज्यादा ब्याज के लालच में अधिकारियों ने बैंक ऑफ इंडिया के सेक्टर- 62 स्थित खाते में फिक्स डिपॉजिट करवाने का निर्णय लिया था।