प्रयागराज। चर्चित उमेश पाल हत्याकांड मामले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जेल में बंद अशरफ से मुलाकात कराने में बरेली सेंट्रल जेल के जेलर राजीव मिश्रा और डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप को निलंबित किया गया है। इसके अलावा तीन जेल वार्डन को भी निलंबित कर किया है। वहीं, जेल अधीक्षक आरके शुक्ला को नोटिस देते हुए जवाब मांगा है। जल्द ही उन पर भी कार्रवाई हो सकती है।
आपको बता दें कि इससे पहले इस मामले में बरेली पुलिस ने पीलीभीत जेल के सिपाही मनोज कुमार गौड़ को अरेस्ट किया गया था। आरोप है कि वह बिना ID अशरफ से अतीक गैंग के लोगों की मुलाकात करवाता था। अवैध तरीके से मुलाकात कराने के मामले में अभी तक 2 सिपाही समेत 5 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है।
3 महीने पहले ही हुआ था पीलीभीत ट्रांसफर
जेल का सिपाही मनोज कुमार 3 महीने पहले ही बरेली सेंट्रल जेल से पीलीभीत जेल ट्रांसफर हुआ। बता दें कि 11 फरवरी को शूटर बरेली जेल में अशरफ से मिले थे। 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश की हत्या कर दी गई थी। जेल में बंद अशरफ, माफिया अतीक का भाई है।
बरेली जेल में बंद अशरफ, इस पूरे हत्याकांड का मास्टरमाइंड है। इसका खुलासा जेल की CCTV फुटेज और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में हुआ है। उमेश पाल जिस राजू पाल हत्याकांड में गवाह थे, इसी हत्याकांड में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ भी मुख्य आरोपी हैं।
प्रयागराज में उमेश की हत्या 24 फरवरी को गोली और बम बरसाकर की गई। जिसमें 2 सिपाही भी मारे गए थे। हत्याकांड से ठीक 13 दिन पहले अशरफ से 9 शूटर मिलने आए। 11 फरवरी को अतीक का बेटे असद, विजय उर्फ उस्मान चौधरी, गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और अन्य पांच आरोपियों ने फर्जी ID से अशरफ से मुलाकात की।
इसके बाद 24 फरवरी को इन्हीं लोगों ने ताबड़तोड़ गोली और बम मारकर दिनदहाड़े उमेश पाल को मौत के घाट उतार दिया। इस मामले में बरेली जेल के सिपाही शिवहरि ने कई राज खोले हैं। जिसके बाद अब सिपाही मनोज कुमार को अरेस्ट किया गया है।
अभी तक 2 सिपाही समेत 5 अरेस्ट
बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ से जेल में मुलाकात करने वालों की लंबी लिस्ट है। अभी तक पुलिस, बरेली जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी समेत 4 को जेल भेज चुकी है। वहीं पांचवा आरोपी मनोज कुमार है, जो इस समय पीलीभीत जेल का सिपाही है। यह भी पूर्व में बरेली जेल में अवैध तरह से पैसे लेकर अतीक के गुर्गों को अशरफ से मिलवाता था।
जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी, कैंटीन में फल और सब्जी पहुंचाने वाला दयाराम उर्फ नन्हे, राशिद और फुरकान अरेस्ट किए जा चुके हैं। राशिद और फुरकान दोनों ही बिना पर्ची और आईडी के जेल में अतीक अहमद के भाई अशरफ से मिलते थे।
पूछताछ में पता चला कि जेल के गेट से लेकर अंदर तक कोई रोकता नहीं था। बरेली जेल से ही वॉट्सऐप कॉल की गई, जिसके बाद 24 फरवरी को शूटरों ने प्रयागराज में उमेशपाल की हत्या कर दी।