सहारनपुर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी श्रीमती शिप्रा ने कीटनाशी अधिनियम के अंतर्गत जनपद के समस्त फुटकर एवं थोक कीटनाशी विक्रेताओं को निर्देशित किया कि कृषकों एवं विक्रेताओं को कीटनाशी विक्रय एवं खरीद के समय अनिवार्य रूप से कैश मैमो, पक्की रसीद जारी की जाये जिसमें कीटनाशी का नाम, बैच नम्बर, विनिर्माण तिथि एंव आवसान तिथि तथा विक्रय मूल्य अकिंत हो।
कृषि रक्षा अधिकारी ने कहा कि अधिष्ठान से सम्बन्धित समस्त अभिलेख यथा स्टाक रजिस्टर बिल बुक, सेल रजिस्टर, कीटनाशक विक्रय लाईसेंस तथा क्रयित कीटनाशक रसायनों के बिल इत्यादि उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि यह देखने में आता है कि कीटनाशी विक्रय लाईसेंस पर सिर्फ एक या दो ही अधिकार पत्र की प्रविष्टि कराकर विभिन्न कीटनाशक निर्माता कम्पनियों के रसायनों की परिसर से बिक्री की जा रही है। कीटनाशक विक्रय परिसर में अधिकतर लाईसेंस अर्हता धारक व्यक्ति के स्थान पर अन्य व्यक्ति अधिष्ठान पर कीटनाशकों का विक्रय करते हुये पाया जाता है, जो कीटनाशी अधिनियम 1968 का स्पष्ट उल्लंघन है, जनपद में संचालित कीटनाशी विक्रेताओं द्वारा कृषको को उक्तानुसार कैश मैमो प्राप्त नही कराई जा रही है। साथ ही कृषकों को फसल के लिए संस्तुत कीटनाशक रसायन ही बिक्री किया जाये।
श्रीमती शिप्रा ने कहा कि असंस्तुत कीटनाशक कृषकों को कदापि विक्रय न करे, अन्यथा की स्थिति में यदि कृषकों द्वारा कैश मैमो एंव असंस्तुत कीटनाशक की बिक्री के सम्बन्ध में शिकायत की जाती है या निरीक्षण के समय उक्त कमियों के साथ-साथ कीटनाशक विक्रय लाईसैंस पर अकिंत अधिकार पत्र के अतिरिक्त अन्य किसी कीटनाशक निर्माता कम्पनी का कीटनाशी रसायन परिसर में उपलब्ध पाया जाता है तो विक्रेता के विरूद्ध कीटनाशी अधिनियम 1968, तथा भारतीय दण्ड सहिता के धारा 420, 481, 482 के अर्न्तगत तत्काल कार्यवाही करते हुये प्राथमिकी दर्ज कराई जायेगी, जिसके लिये सम्बन्धित कीटनाशक विक्रेता स्वंय उत्तरदायी होगें।