नई दिल्ली। संसद में शुक्रवार को विपक्ष ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा अडानी समूह की जांच की मांग दोहराई। अडानी समूह पर अमेरिकी फर्म द्वारा अपनी रिपोर्ट में स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। उच्च सदन में शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। सदन में विपक्षी सांसदों के भाषण के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही बेंचों ने जमकर नारेबाजी की। मोदी-मोदी और हमें जेपीसी चाहिए जैसे नारे लगाए गए।
हंगामे को अस्वीकार करने वाले धनखड़ ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका व्यवहार जांच के दायरे में था। मांगें पूरी नहीं होने पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सांसद वेल में पहुंच गए और नारेबाजी की। उपराष्ट्रपति ने के.सी. वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा समेत कांग्रेस के कई सांसदों का आह्वान करते हुए सांसदों से अपनी सीट पर लौटने की अपील की।
सांसदों का नाम लेते हुए धनखड़ चाहते थे कि उन्हें सदन की कार्यवाही से बाहर रखा जाए। हालांकि, धनखड़ की अपील के बाद कांग्रेस सांसद अंतत: अपनी-अपनी सीटों पर वापस चले गए। कार्यवाही में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण के अंशों को शामिल करने की मांग करने वाले कांग्रेसी सांसद उच्च सदन से वॉकआउट कर गए, उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने धनखड़ को संबोधित करते हुए कहा, अगर मेरी (सदन की) सदस्यता रद्द भी हो जाती है, तो भी मैं अपने दिल की बात जरूर कहूंगा। हम सरकार से नाराज हैं..आप से नहीं। खड़गे ने कहा कि आपत्तिजनक शब्द न होने के बावजूद उनके भाषण के कुछ हिस्सों को हटा दिया गया। खड़गे ने अपने उस बयान को भी दोहराया जिसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया था।