Friday, November 22, 2024

यूपी के बलिया में पुलिस रोज वसूल रही थी 5 लाख रुपये, सीओ समेत 18 पुलिसकर्मी सस्पेंड, एसपी-एएसपी भी हटे

बलिया/लखनऊ- उत्तर प्रदेश के चर्चित थानों में शुमार बलिया का नरही थाना गुरुवार को अचानक सुर्खियों में आ गया। इस थाने के अंतर्गत भरौली चौराहा जो यूपी-बिहार को जोड़ता है, पर एडीजी वाराणसी जोन पीयूष मोर्डिया व डीआईजी ने भोर के चार बजे छापा मारा। इस दौरान 16 लोग हिरासत में लिए गए। उनमें नरही थाने के दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

नरही थाना के भरौली से होकर बिहार व बंगाल से यूपी के कई जिलों के ट्रकों की आवाजाही होती है। काफी दिनों से ट्रकों से वसूली की शिकायतें मिल रही थीं। इसमें थाने के पुलिसकर्मी भी लिप्त बताए जा रहे थे। ट्रकों से वसूली के कारण भरौली में घण्टों जाम की स्थिति बनी रहती थी।

इन्हीं शिकायतों को लेकर एडीजी पीयूष मोर्डिया ने मातहत अधिकारियों को लेकर भरौली में रात बारह बजे ही डेरा जमा लिया था। भोर के चार बजे एडीजी व डीआईजी ने छापेमारी की। इसमें करीब 16 लोग पकड़े गए। उनमें 2  सिपाही भी है। पुलिस ने करीब पचास मोबाईल भी जब्त किए हैं। इसके बाद एडीजी दलबल के साथ नरही थाने पहुंच गए। जहां निरीक्षक पन्ने लाल नहीं मिले। बताया गया कि थानाध्यक्ष छुट्टी पर हैं। एडीजी के निर्देश पर थानाध्यक्ष का कमरा सील कर दिया गया। जबकि थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों के बक्से कब्जे में ले लिए गए।
बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने बलिया में अवैध वसूली प्रकरण में गंभीर रुख अपनाते हुये कोतवाल और थानाध्यक्ष समेत 18 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया जबकि पुलिस अधीक्षक और एवं अपर पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया है।
अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) वाराणसी और पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) आजमगढ़ की संयुक्त टीमों ने गुरुवार को छापा मार कर बलिया के थाना नरही अंतर्गत भरौली तिराहा पर अवैध वसूली के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया। मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की उजागर हुई है जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही एवं चौकी प्रभारी कोरंटाडीह समेत तीन उपनिरीक्षक, तीन मुख्य आरक्षी, 10 आरक्षी एवं एक आरक्षी चालक को निलम्बित किया गया है। छापेमारी के दौरान तीन पुलिसकर्मी भाग गए, जबकि दो पुलिसकर्मी सहित 16 दलालों को गिरफ्तार किया गया है।
इस सिलसिले में देर शाम बलिया के पुलिस अधीक्षक और अपर पुलिस अधीक्षक का स्थानान्तरण कर उन्हे प्रतीक्षारत किया गया है जबकि संबंधित पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) को भी निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही सीओ, एसएचओ और चौकी इंचार्ज की संपत्ति की खुली विजिलेंस जांच के आदेश दिये गये हैं। निलंबित पुलिसकर्मियों के आवास को सील करते हुए सभी के विरुद्ध मुकदमा भी पंजीकृत किया गया है।
इस कार्रवाई के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि विगत कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा पर बक्सर, बिहार से बलिया में आने वाली ट्रकों से थाना नरही के भरौली तिराहा पर पुलिस कर्मियों द्वारा कुछ दलालों के माध्यम से अवैध वसूली करायी जा रही है। इस सूचना पर पुलिस महानिदेशक द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन, वाराणसी एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक, आजमगढ़ परिक्षेत्र, आजमगढ़ को कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे।
उच्चस्तरीय निर्देश पर अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन, वाराणसी एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक, आजमगढ़ परिक्षेत्र, आजमगढ़ की संयुक्त टीमें बुधवार रात करीब डेढ़ बजे पर वाराणसी एवं आजमगढ़ से कुल पांच टीमें भरौली तिराहे पर पहुँची, जहां ट्रकों से पुलिस कर्मियों द्वारा की जा रही वसूली की सूचना सही पाई गई। मौके से एक आरक्षी हरदयाल सिंह गिरफ्तार हुआ एवं एक मुख्य आरक्षी विष्णु यादव एवं दो आरक्षी दीपक मिश्रा एवं बलराम सिंह मौके से भाग गए।पुलिस कर्मियों द्वारा प्राइवेट व्यक्तियों को दलाल के रूप में प्रयुक्त कर वसूली की जा रही थी। 16 दलाल भी पकड़े गए।
दलालों का अपराध करने का तरीका यह था कि बक्सर से आने वाले ट्रकों से पूर्व से सुनियोजित ढंग से बात तय कर लेते थे कि कितने कितने बजे से कितने-कितने बजे तक यह ट्रक यूपी के थाना नरही क्षेत्र में से गुजरेंगे एवं बलिया में इन ट्रकों के प्रवेश करते ही प्रत्येक ट्रक से करीब 500 रुपये हर ट्रक से वसूला जाता था। एक रात्रि में ही अनुमानित 1000 ट्रक बक्सर से बलिया में प्रवेश करते थे। इस प्रकार एक रात्रि में ही इन संगठित गैंग के द्वारा अनुमानित पांच लाख रूपये का अवैध कारोबार फल-फूल रहा था, जिसे स्थानीय पुलिस एवं दलालों में बांटा जाता था।
मौके पर गिरफ्तार दलालों से 37360 रुपये, 14 मोटरसाइ‌किल, 25 मोबाइल एवं 02 नोट बुक बरामद हुए हैं। इन दो नोट बुक में विगत रात्रि एवं उससे पूर्व के कई दिन एवं रात्रियों में पास कराये गये ट्रकों का विवरण अंकित है। अब इस विवरण के आधार पर इस संगठित गिरोह द्वारा किये जा रहे इस अवैध वसूली के नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा। जांच में पता चला कि दलाल गाड़ियों की संख्या गिनकर उसके हिसाब से पैसा थानाध्यक्ष नरही को देते थे।
इस मामले में थानाध्यक्ष नरही उपनिरिक्षक पन्नेलाल, चौकी प्रभारी कोरण्टाडीह राजेश कुमार प्रभाकर के अलावा मुख्य आरक्षी हरिदयाल सिंह, मुख्य आरक्षी विष्णु यादव, आरक्षी सतीश गुप्ता, आरक्षी दीपक मिश्रा, आरक्षी बलराम सिंह एवं 16 दलालों के विरूद्ध मुकदमा लिखा गया है।
उपरोक्त मुकदमें में पुलिसकर्मी आरक्षी हरिदयाल सिंह थाना नरही, आरक्षी सतीश गुप्ता चौकी कोरण्टाडीह एवं 16 दलाल गिरफ्तार किए गए हैं। प्रथम दृष्टया पर्यवेक्षण में दोषी पाये जाने पर थानाध्यक्ष नरही पन्नेलाल को निलम्बित किया गया है जबकि प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर चौकी प्रभारी कोरंटाडीह राजेश कुमार प्रभाकर को निलम्बित किया गया है एवं सम्पूर्ण कोरंटाडीह पुलिस चौकी के आठ पुलिस कर्मी, जिनमें चौकी प्रभारी के अतिरिक्त दो मुख्य आरक्षी चन्द्रजीत यादव व औरंगजेब खॉ एवं पांच आरक्षी परविन्द यादव, सतीश चन्द्र गुप्ता, पंकज कुमार यादव, ज्ञानचन्द्र व धर्मवीर पटेल सम्मिलित है, को भी निलम्बित किया गया है।
थाना नरही के थाना प्रभारी के अतिरिक्त एक उपनिरीक्षक मंगला प्रसाद, मुख्य आरक्षी विष्णु यादव, पांच आरक्षी-हरिदयाल सिंह, दीपक मिश्रा, बलराम सिंह, उदयवीर व प्रशान्त सिंह एवं रक्षी चालक ओम प्रकाश को निलम्बित किया गया है।
थाना प्रभारी नरही, चौकी प्रभारी कोरण्टाडीह एवं संलिप्त आरक्षियों के आवासों को सील कर दिया गया है, ताकि विवेचना के कम में अहम सर्च एवं सीजर में वसूली के धन से संबंधित कैश की भी जांच की जा सके।
गिरफ्तार दलाल में रविशंकर यादव,विवेक शर्मा,जितेश चौधरी,वीरेन्द्र राय,सोनू सिंह, अजय कुमार पाण्डेय,वीरेन्द्र सिंह यादव,अरविन्द्र यादव,उमाशंकर चौधरी,जवाहिर यादव, धर्मेन्द्र यादव,विकास राय,हरेन्द्र यादव, सलाम अंसारी,आनन्द कुमार ठाकुर और दिलीप कुमार यादव शामिल हैं।
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