सामान्यत: बीमारी ही गलती से हमारे पास आती है। उसका कारण यह है कि हमें जो गलती नहीं करनी चाहिए, वही करते हैं। बाद में वह हमारी आदत बन जाती है और सिलसिला शुरू हो जाता है, हमारे बीमार होने का। हम स्वयं कौन-कौन सी गलतियां करते हैं, जैसे मुंह में उंगलियां डालना। ऐसा करने से गंदे हाथों से लगे सूक्ष्म जीव व गंदगी हमारे पेट में चली जाती है जिसके कारण कई प्रकार की बीमारियां होती हैं जैसे पेट में कीड़े होना, दस्त लगना।
दांतों को पिन या तिनके से कुरेदने से मसूड़े खराब होते हैं। बार-बार यह क्रिया अपनाने से दांत कमजोर हो जाते है। खाने के बाद कुल्ला अवश्य करना चाहिए। खास कर रात में यदि सोते समय ब्रुश नहीं कर सकते तो कम से कम आठ-दस बार कुल्ला अवश्य करना चाहिए। इस से दांतों में फंसे कण अलग हो जाते हैं।
बासी भोजन बारह घंटे बाद नहीं खाना चाहिए। बाजारू गंदी चाकलेट्स व टाफी खाने योग्य नहीं होती। ये सब बीमारी की जड़ हैं।
बड़े व गन्दे नाखून में छिपे गंदगी व सूक्ष्म जीव अलग नहीं हो पाते और यें पेट में चले जाते हैं। शरीर के कटे स्थान पर अनावश्यक कुछ भी न डालें। घर में गंदे अखबार, कबाड़, गंदी शीशियां व दवाइयां जो खराब हो गई हों, उन्हें न रखें। इस तरह और भी नियमों का पालन कर हम अपने आपको सदा स्वस्थ रख सकते हैं।
– प्रभाशंकर