प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के लाइब्रेरी हाल में अधिवक्ताओं की एक बैठक का उत्तर प्रदेश में अधिवक्ता सुरक्षा कानून को लागू कराने को लेकर हुई। जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अधिवक्ता समाज न्यायपालिका का अभिन्न अंग है और उनके द्वारा बिना किसी भय के न्यायिक कार्य का संपादन सर्व सुलभ न्याय के लिए आवश्यक है। प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे देश में अधिवक्ता समुदाय के साथ आए दिन घटनाएं होती रहती हैं। जिस कारण आम अधिवक्ता निडर होकर न्यायिक कार्यों का निष्पादन करने में असहज महसूस कर रहा है।
बैठक में बड़ी संख्या में उपस्थित वकीलों ने कहा कि जिस प्रकार राजस्थान सरकार ने राजस्थान अधिवक्ता सुरक्षा कानून को विधानसभा में पारित करते हुए वहां अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू किया गया है। उसी तरह उत्तर प्रदेश में भी अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम पास किया जाना नितांत आवश्यक है। उत्तर प्रदेश में भी ऐसा कानून बनाने की समय की मांग है। इस मौके पर अभिषेक शुक्ला पूर्व सचिव प्रशासन ने कहा कि प्रयागराज अधिवक्ता समाज एवं न्यायविद लोगों का शहर है और इस शहर ने आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका अदा की थी। ऐसी दशा में अधिवक्ता सुरक्षा कानून की लड़ाई का आगाज भी इसी शहर से प्रारंभ की जाएगी और इसे प्रदेश स्तर तक ले जाकर अधिवक्ता सुरक्षा कानून को पास कराने का काम किया जाएगा।
बैठक को संबोधित करते हुए संजीव सिंह पूर्व संयुक्त सचिव लाइब्रेरी ने समस्त अधिवक्ता बंधुओं से अनुरोध किया कि अवकाश के उपरांत उच्च न्यायालय एवं प्रदेश के समस्त जनपदों एवं तहसीलों में जनजागरण के माध्यम से समस्त अधिवक्ता समाज को जोड़ने का कार्य किया जाए ताकि हरेक अधिवक्ता इस आन्दोलन से जुड़े।
प्रियदर्शी त्रिपाठी पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि हम अपने इस आंदोलन में समस्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को साथ देने का कार्य करने के साथ ही साथ उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के सदस्यों से मिलकर उन्हें इसे आंदोलन में जोड़ने का कार्य करेंगे। अधिवक्ताओं द्वारा सर्वसम्मति से इस हेतु संघर्ष समिति का नामकरण “उत्तर प्रदेश अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम संघर्ष समिति” गठन किए जाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। साथ ही ‘कार्य समिति’ का गठन करते हुए आगामी 17 जुलाई को विश्व न्याय दिवस के उपलक्ष में जनपद के समस्त अधिवक्ताओं का एक वृहद सम्मेलन किए जाने एवं आगामी रणनीति तय किए जाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में प्रमुख रूप से रिपुसूदन यादव, श्यामधर मिश्र, प्रदीप तिवारी, देवधर, रजनीश सिंह, अकरम अहमद, आदित्य सिंह ‘हंटर’, सौरभ सिंह बंटी, आकाश सिंह, संजीव कुमार सिंह, मनीष पांडे, अकरम अहमद फैसल, मानस मालवीय, सर्वेश सिंह, पुष्पराज सिंह, देवेश यादव, सौरभ सिंह, आशीष कनौजिया, आलोक कनौजिया, अनूप यादव, अभिषेक शुक्ला, वीरेंद्र कुमार यादव, साने आलम, नीरज गिरी, देवधर तिवारी, रामाशीष यादव, शाश्वत मिश्रा समेत दर्जनों की संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।