मथुरा। महाराष्ट्र में 300 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपित वृंदावन में “बब्बन महाराज” बनकर रह रहा था और मंदिरों में प्रवचन दे रहा था। यह व्यक्ति बब्बन शिंदे था, जो महाराष्ट्र में क्रेडिट इंस्टीट्यूट का डायरेक्टर था। वह पुलिस की नज़र से बचने के लिए साधु बनकर सात महीनों तक वहां रहा।
महाराष्ट्र पुलिस ने इस आरोपी को पकड़ने के लिए एक दिलचस्प योजना बनाई। पुलिस के अधिकारी साधु के भेष में वृंदावन में घूमे, ताकि बब्बन शिंदे को पकड़ सकें। पुलिस की इस चालाकी ने अंततः बब्बन शिंदे को पकड़ने में सफलता दिलाई। इस घटना ने न केवल पुलिस की बुद्धिमत्ता को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि किस तरह से बड़े अपराधी अपनी पहचान छिपाने के लिए अनोखे तरीके अपनाते हैं।
आपको बता दें कि एक साल पहले 300 करोड़ रुपये का घोटाला करके फरार हुआ महाराष्ट्र के एक बैंक का अध्यक्ष वृंदावन में साधु वेष में रह रहा था। उसने बकायदा दाढ़ी-मूंछ कटा कर सफेद धोती और कुर्ता धारण कर लिया। बुधवार शाम को महाराष्ट्र पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने जब उसको गिरफ्तार किया तो लोग चौंक गए। महाराष्ट पुलिस की क्राइम ब्रांच उसको अपने साथ ले गई।
बबन विश्वनाथ शिंदे, जो महाराष्ट्र के बीड में जिजाऊ महासाहेब मल्टी स्टेट कोआपरेटिव बैंक का अध्यक्ष था, पर 300 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। 2013 में स्थापित इस बैंक में जुलाई 2023 में घोटाला सामने आया, और मुकदमा दर्ज होने से पहले ही बबन फरार हो गया।
बबन ने खुद को साधु वेष में छिपाकर दिल्ली, असम, ओडिशा और नेपाल में रहने की कोशिश की, लेकिन आखिरकार वृंदावन में पकड़ा गया। महाराष्ट्र की क्राइम ब्रांच ने उसकी पहचान कर उसे गिरफ्तार किया। यह घटना बताती है कि अपराधी अपने अपराधों से बचने के लिए किस तरह के साधनों का उपयोग कर सकते हैं, और कानून उन्हें ढूंढने में किस तरह की चुनौतियों का सामना करता है।
महाराष्ट्र पुलिस ने बताया कि बबन शिंदे की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर छापे मारे गए, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया। करीब एक साल बाद वह पकड़ में आया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने बबन को वृंदावन के कृष्ण मंदिर क्षेत्र के पास से एक कमरे से गिरफ्तार किया गया है।