लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक आईएएस अधिकारी के साथ ठगी की इस कोशिश ने साइबर अपराधों के नए तरीकों को उजागर किया है। ठगों ने वीडियो कॉल के ज़रिए अधिकारी का वीडियो रिकॉर्ड कर उसे अश्लील बना दिया, और फिर फर्जी ईडी अधिकारी बनकर 5 करोड़ रुपये की मांग की। इसके अलावा, धमकी दी गई कि अगर पैसे नहीं दिए गए, तो वीडियो को वायरल कर दिया जाएगा, और जान से मारने की भी धमकी दी गई।
इस तरह की घटनाएँ साइबर सुरक्षा के महत्व को दर्शाती हैं और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उच्च अधिकारियों और आम जनता को ऐसी धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग से सुरक्षित रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ सतर्क रहें। इस मामले में यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के अपर प्रबंध निदेशक राम सिंह वर्मा को निशाना बनाया गया, जो कि अत्यधिक गंभीर मामला है। उम्मीद है कि आरोपी जल्द से जल्द पकड़ में आएंगे और इस घटना की विस्तृत जांच होगी।
बता दें कि ठगों ने एक अधिकारी को धमकी देकर उनसे बड़ी रकम की मांग की। जब अधिकारी ने उनकी मांग पूरी करने से इनकार कर दिया, तो ठगों ने उनकी जान और उनके परिवार की इज्जत को खतरे में डालने की धमकी दी। ऐसे मामलों में पुलिस की त्वरित कार्रवाई बहुत जरूरी होती है, ताकि अपराधियों को पकड़ा जा सके और पीड़ितों को सुरक्षा दी जा सके। इस तरह की घटनाओं से हमें यह सीखने की भी जरूरत है कि धोखाधड़ी और साइबर अपराधों के प्रति सतर्क रहें, खासकर जब धमकियों का सामना करना पड़े। हजरतगंज थाने में FIR दर्ज होने के बाद पुलिस द्वारा जांच शुरू कर दी गई है, जो एक सकारात्मक कदम है।
आईएएस अधिकारी को संगीन ब्लैकमेल और धमकियों का सामना करना पड़ा है। ठगों ने 25 और 27 सितंबर को अलग-अलग नंबरों से कॉल और मैसेज कर उनसे 1.50 करोड़ रुपये की मांग की, और विरोध करने पर गाली-गलौज और धमकियों का सहारा लिया। इस प्रकार की धमकियां, जिनमें उनके व्यक्तिगत वीडियो को उनके परिवार, रिश्तेदारों और दफ्तर में भेजने और उन्हें बीच सड़क पर मारने की धमकी शामिल है, अत्यंत गंभीर हैं।
एडीसीपी मध्य मनीषा सिंह ने बताया कि पुलिस सर्विलांस तकनीक की मदद से इन कॉल्स और मैसेज भेजने वालों की लोकेशन ट्रेस कर रही है, और जल्द ही अपराधियों को पकड़ने की कार्रवाई की जाएगी।