नई दिल्ली। भारत की प्रथम महिला ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के बाद उनकी देश के लिए कुछ करने की इच्छा फिर से जाग गई है। पूर्व विश्व चैंपियन भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी की हरियाणा के यमुनानगर में खेल अकादमी है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने यमुनानगर की यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने दो बार की विश्व चैंपियन मल्लेश्वरी की नए एथलीटों को प्रोत्साहन देने के लिए सराहना की। साल 2004 में करियर से रिटायरमेंट के बाद 49 वर्षीय मल्लेश्वरी ने अपने पति राजेश त्यागी के साथ मिलकर साल 2017 में यमुनानगर में अपनी पहली अकादमी खोली थी। आईएएनएस से बात करते हुए कर्णम मल्लेश्वरी ने बताया कि उन्होंने अकादमी में आने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया था। प्रधानमंत्री ने अपने व्यस्त कार्यक्रम के चलते अकादमी जाने की बजाए उनको ही अपने पास बुलवा लिया।
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उन्होंने कहा, “मैंने पीएम मोदी को अपनी अकादमी में आने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने यहां आने की बजाए अपने व्यस्त कार्यक्रम के चलते मुझे ही मिलने के लिए यहां बुलाया। मैं उनसे मिलकर बहुत खुश हूं। उन्होंने मुझसे मिलकर कहा कि आपने देश के लिए बहुत अच्छा काम किया है। और आप अभी देश के लिए बहुत अच्छा काम कर रही हो।” उन्होंने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री को अपनी अकादमी के बारे में बताया, जहां देश के आम घरों के एथलीट प्रशिक्षण लेते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं आपके काम के बारे में जानता हूं। जो भी आप कर रही हैं, वह आने वाले ओलंपिक खेलों के लिए आदर्श काम है।” कर्णम मल्लेश्वरी इस समय दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की कुलपति हैं। उन्होंने इसके बाद बताया कि वह प्रधानमंत्री मोदी से कई मौकों पर मिली हैं। लेकिन, यह पहली बार था कि मैं पीएम मोदी से इस तरह की व्यक्तिगत मुलाकात कर रही थी। यह मुलाकात करीब 7 से 10 मिनट तक चली। पीएम मोदी ने मेरी बातों को ध्यान से सुना। मैं और मेरे पति इस दौरान मौजूद थे। पीएम का रवैया बहुत ही सकारात्मक और सहयोगात्मक है। उनके साथ मुलाकात ने मुझे बड़ी ही सकारात्मक ऊर्जा प्रदान की है। अब मैं यह महसूस कर रही हूं कि मैं देश के लिए और ज्यादा योगदान दे सकती हूं।”
मल्लेश्वरी दो बार की विश्व चैंपियन और दो बार की एशियाई खेलों की रजत पदक विजेता हैं। उनके नाम ओलंपिक में देश की पहली महिला पदक धारी होने का भी रिकॉर्ड है। उन्होंने साल 2000 में हुए सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि मैं सिडनी ओलंपिक में स्वर्ण पदक से चूक गई थी, लेकिन अब मैंने 10 पदकों को जीतने का लक्ष्य रखा है। मैंने इसी दृढ़ निश्चय से अपनी खुद की अकादमी शुरू की है। मेरा सपना वेटलिफ्टिंग में ज्यादा से ज्यादा पदक दिलवाकर देश को मजबूत बनाने में सहयोग करने का है। बता दें कि कर्णम मल्लेश्वरी भारत सरकार के कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित हैं। उन्हें साल 1994 में अर्जुन पुरस्कार, साल 1999 में खेल रत्न पुरस्कार और इसी साल पद्मश्री सम्मान मिला था।