पटना। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को बिहार सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि शुक्रवार और शनिवार को दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद बिहार के नेता लोकसभा चुनाव को लेकर मैदान में सक्रिय हो जाएंगे।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व किसी जुझारू और आक्रामक छवि के नेता की तलाश में है, जो सम्राट चौधरी की जगह को भर सके। ऐसे में अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर भाजपा जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश करेगी।
एनडीए की सरकार बनने के बाद नंद किशोर यादव को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है, जो यादव जाति से आते हैं। जबकि, सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा उप मुख्यमंत्री हैं। दोनो क्रमशः कुशवाहा और भूमिहार जाति से आते हैं। भाजपा कोटे से मंत्री बने भीम सिंह चंद्रवंशी समाज से आते हैं।
भाजपा के लोगों का कहना है कि अनुसूचित जाति से आने वाले किसी नेता को बड़ा दायित्व नहीं मिल सका है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी किसी अनुसूचित जाति से आने वाले नेता को अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है। वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि लोकसभा चुनाव तक पार्टी सम्राट चौधरी को अध्यक्ष पद से हटाने का जोखिम भी नहीं उठाना चाहेगी।