लखनऊ। मण्डलायुक्त डॉ रौशन जैकब ने मंगलवार को सरकारी जमीन पर बिल्डरों के कब्जे मामले में नाराजगी जाहिर की। सरोजनीनगर के एसडीएम सचिन वर्मा और तहसीलदार अरविन्द पांडेय की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए मण्डलायुक्त ने दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस (शो कॉज नोटिस) जारी किया।
सेवांई और भदरसा ग्राम में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा एवं प्लॉटिंग की शिकायत पर मौके पर पहुंची मण्डलायुक्त डॉ रौशन जैकब ने तहसील से जुड़े अधिकारियों की क्लास लगा दी। तहसीलदार की नाक के नीचे सरकारी जमीन पर कब्जा होने से नाखुश मण्डलायुक्त ने पहले तहसीलदार को तलब किया और इसके बाद एसडीएम पर नाराजगी जाहिर की।
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मण्डलायुक्त डॉ रौशन जैकब ने कहा कि बिना तहसील की जानकारी के सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं हो रहा है। इसे मिलीभगत कहना या लापरवाही कहना उचित होगा। सरकारी जमीन पर कब्जा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तहसीलदार और एसडीएम दोनों अधिकारियों को पूरे मामले में स्पष्टीकरण देना होगा अन्यथा दूसरे प्रकार की कार्रवाई भी होगी। दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस (शो कॉज नोटिस) जारी किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले बिल्डरों की पहचान कर उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करायी जाये। बिल्डरों के मनमाना अंदाज पर अंकुश लगाने की तैयारी करें। जिससे दूसरे प्रॉपर्टी डीलर या बिल्डर को भी संदेश जाये। सरोजनीनगर क्षेत्र के अलावा लखनऊ में कहीं भी सरकारी जमीन पर एक इंच कब्जा नहीं होने दिया जायेगा। जो व्यक्ति ऐसा करते पाया गया तो सुनिश्चित कार्रवाई होगी।