Thursday, November 14, 2024

हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही तीसरे दिन भी स्थगित, तख्तियां लहराने पर सख्त चेतावनी

नयी दिल्ली, – संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के तीसरे दिन लोकसभा में बुधवार को भी सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चला जिसके कारण संसद में लगातार तीसरे दिन कोई कामकाज नहीं हुआ तथा सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही दोबारा शुरु हुई तो विपक्ष के सदस्य तख्तियां लेकर और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये। सत्तापक्ष की तरफ से भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी शुरु हुई जिसके कारण सदन में भारी शोरशराबा हुआ।

हंगामा कर रहे सदस्यों को पीठासीन अधिकारी भर्तृहरि महताब ने चेतावनी दी कि वे तख्तियां नहीं लहराएं। उन्होंने कहा कि तख्तियां लेकर सदन में आना नियमों के विरुद्ध है। तख्तियां लाने पर उन्होंने सख्त एतराज जताया। इससे पहले अध्यक्ष ओम बिरला भी तख्तियां लेकर आने पर सदस्यों को कई बार चेतावनी दे चुके हैं और बार बार सदस्यों को ऐसा नहीं करने के लिए कहा जा रहा है।

पीठासीन अधिकारी ने हंगामे के बीच ही जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए और नियम 377 के तहत सदन की कार्यवाही शुरु कर दी। इसी बीच सदन में हंगामा बढ़ गया तो पीठासीन अधिकारी ने सदस्यों से कहा, “सबको बताना चाहता हूं कि संसद काम करने के लिए होती है और यहां काम करना अनिवाय है। मेरा निवेदन है कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सिर्फ पीठासीन अधिकारी की नहीं बल्कि सदन चले यह सब सदस्यों की जिम्मेदारी है और हमें इसका पालन करना चाहिए।”

उन्होंने सदस्यों से तल्ख लहजे में कहा कि सदन में पेपर लेकर आ सकते हैं लेकिन तख्तियां लाना नियम के विरुद्ध है और इसकी अनुमति सदन में नहीं है।

इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि तख्तियां सदन में नहीं ला सकते हैं। दुनिया में संदेश जा रहा है कि श्री गांधी ने अध्यक्ष के खिलाफ बोलकर सदन की अवमानना की है। यह पीठ की और संस्था की अवमानना है। वह झूठा आरोप लगाकर देश को बदनाम कर रहे हैं।

श्री महताब ने सदस्यों से अपनी सीटों पर जाकर शांति बनाए रखने और संसद का कार्य चलाने में सहयोग देने का आग्रह किया लेकिन किसी सदस्य ने उनकी नहीं सुनी और हंगामा बढता गया तो उन्होंने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह 11 बजे जैसे ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू किया तो विपक्षी सदस्य तब भी नारे लगाते हुए और हाथों पर तख्तियां लेकर आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे। जवाब में सत्ता पक्ष की तरफ से भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर नारेबाजी होने लगी। सदन में दोनों पक्षों की तरफ से नारेबाजी के साथ हंगामा होने लगा तो अध्यक्ष ने सदस्यों से शांत रहने और सदन की मर्यादा का पालन करने का आग्रह किया।
श्री बिरला ने कहा कि सदन चर्चा एवं संवाद के लिए वह सभी सदस्यों को इसके लिए पर्याप्त समय देंगे लेकिन इसका दोनों ओर कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को सख्तियां नहीं लहराने की बार बार चेतावनी दी लेकिन उनकी बात का सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी हस्तक्षेप करते हुए शोरशराबे के बीच श्री गांधी एवं विपक्ष के आचरण के ऊपर सवाल उठाये लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि सदन के भीतर अथवा बाहर संसद के बारे में किसी को टीका टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
अध्यक्ष ने सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा, “यह सदन आपका है। तख्तियां लेकर सदन में आना गलत है। प्रश्नकाल के बाद अपने मुद्दे उठाएं इसलिए अपने सीटों पर बैठें। मेरी मंशा है कि सदन चले। आप अपनी-अपनी सीटों पर जाकर अपनी बातें रखें। सदन की मर्यादा बनाए रखें और यह सबकी जिम्मेदारी है।”
हंगामा कर रहे सदस्यों पर अध्यक्ष की बात का कोई असर नहीं हुआ और वे तख्तियां लहराते रहे और नारेबाजी करते रहे। हंगामा बढ़ता गया तो श्री बिरला ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।

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