रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि वर्ष 2019 में गठबंधन की सरकार बनने के बाद राज्य के विकास की नींव डाली गई थी और अब इस पर बिल्डिंग खड़ा करने का काम होगा। सदन में राज्यपाल संतोष गंगवार के अभिभाषण के बाद लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता बोलने से ज्यादा विकास के कार्यों को धरातल पर उतार कर दिखाना है।
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आधारभूत संरचना, पर्यटन, रोजगार सृजन सहित सभी क्षेत्रों में और सभी वर्गों के लिए काम करने के प्रति हम प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण, एक तरह से सरकार का ‘श्वेत पत्र’ होता है। सरकार झारखंड के लिए क्या करना चाहती है और किस दिशा में ले जाना चाहती है, इसकी झलक इस अभिभाषण में है। सीएम सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार प्रोजेक्ट बिल्डिंग (सचिवालय) से नहीं चलती। यह गांवों से चलने वाली सरकार है।
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हमारा मानना है कि गांवों की अर्थव्यवस्था जब तक नहीं बढ़ेगी, तब तक सर्वांगीण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। सीएम सोरेन ने झारखंड निर्माण के लिए चले लंबे आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि यह राज्य आसानी से नहीं बना। यह आंदोलनकारियों के खून से सींचा हुआ राज्य है। राज्य तो वर्ष 2000 में बना, लेकिन 2019 तक राज्य को क्या मिला, यह सोचने की बात है। इसे लगातार दलदल में धकेलने की कोशिश हुई। हमने देखा है कि इस राज्य में लोग राशन कार्ड हाथ में लेकर भात-भात करते हुए मर गए। कई किसानों ने आत्महत्या की।
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2019 में सरकार बनी तो इसे सत्ता से बेदखल करने के लिए कई हथकंडे अपनाए गए। हम शहीदों और आंदोलनकारियों के सपनों का राज्य बनाने के लिए काम करेंगे। सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य माना जाता है। आजादी के बाद यहां कई बड़े उद्योग लगे थे। बोकारो में स्टील कारखाना, रांची में एचईसी, सिंदरी में खाद कारखाना के साथ-साथ टाटा-बिड़ला ने भी उद्योग लगाए, लेकिन इसके बाद भी समझ से परे है कि इस राज्य को ऐसा कौन सा अभिशाप लगा कि यहां के लोग भूमिहीन, विस्थापित और बेरोजगार होते रहे।
यहां के लोगों का अलग-अलग राज्यों में पलायन होता रहा। यह गंभीर विषय है। आज झारखंड ऐसा प्रदेश है, जहां मजदूरों के लिए सबसे बेहतर कानून बनाए गए हैं। हम देश के अंदर और बाहर कामगारों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रहे हैं। सीएम सोरेन ने कहा कि हम चहुंमुखी विकास के लिए कदम उठाएंगे। हर दिन एक अध्याय लिखेंगे। आज तो चलना शुरू किया है। रफ्तार के साथ चीजों को आगे बढ़ाएंगे। विपक्ष हमें सहयोग करे। सीएम के जवाब के बाद अभिभाषण पर सदन ने बहुमत के साथ धन्यवाद प्रस्ताव पारित कर दिया।