अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के मामले में गुजरात युनिवर्सिटी की छवि खराब करने के संबंध में मानहानि के केस में मंगलवार को अहमदाबाद के मेट्रो कोर्ट में सुनवाई हुई। इस केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) संजय सिंह आरोपित हैं। दोनों को पूर्व में समन भेजा गया था लेकिन दोनों हाजिर नहीं हुए थे, मंगलवार को सुनवाई के दौरान एक और समन जारी किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जुर्माने की सजा हो चुकी है लेकिन अब उनकी मुश्किल फिर से बढ़ती दिखाई देती है। इस बार गुजरात युनिवर्सिटी ने अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह पर यूनिवर्सिटी की छवि खराब करने का केस दर्ज कराया है। इसी मामले में सुनवाई के दौरान दोनों को आगामी 7 जून को अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए समन जारी किया गया है।
गुजरात यूनिवर्सिटी के वकील अमित नायक ने कहा कि ऐसा लगता है कि पिछले समन में अधिक स्पष्टता नहीं थी, इसलिए जज ने दोनों आरोपितों को शिकायत की कॉपी के साथ नए सिरे से समन जारी करने का आदेश जारी किया है। अब अगली सुनवाई 7 जून को होगी।
यह है मामला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री को लेकर गुजरात यूनिवर्सिटी के विरुद्ध कथित तौर पर कटाक्षपूर्ण और मानहानि करता बयान देने के बदले अहमदाबाद की एक अदालत ने 15 अप्रैल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गुजरात यूनिवर्सिटी की फौजदारी मानहानि की शिकायत को लेकर समन्स जारी किया गया था। अहमदाबाद के एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जयेश चोवटिया की कोर्ट में मंगलवार को आम आदमी पार्टी के दोनों नेताओं के विरुद्ध समन जारी करने का आदेश जारी किया।
गुजरात यूनिवर्सिटी के पीयूष पटेल की शिकायत पर आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) के तहत प्रथम दृष्टया केस होने को लेकर कोर्ट ने केजरीवाल के विरुद्ध समन्स जारी किया था। कोर्ट ने इस केस के शीर्षक में केजरीवाल के नाम में से मुख्यमंत्री शब्द हटाने का भी आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि यह बयान उन्होंने निजी तौर पर दिया था।
केजरीवाल और संजय सिंह की यह टिप्पणी तब आई जब गुजरात हाईकोर्ट ने मुख्य सूचना आयुक्त को आदेश दिया था कि वे गुजरात यूनिवर्सिटी को पीएम नरेन्द्र मोदी की डिग्री के विषय में जानकारी देने के बारे में कहते हैं।
शिकायतकर्ता के अनुसार, दोनों ने एक प्रेस कांफ्रेंस और ट्विटर हैंडल पर पीएम मोदी की डिग्री को लेकर यूनिवर्सिटी को निशाना बनाते हुए अपमानजनक बयान दिया था। शिकायतकर्ता के अनुसार गुजरात यूनिवर्सिटी को निशाना बनाते हुई उनकी टिप्पणियां बदनामी करने वाली है और संस्था की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती है, जिसने लोगों के बीच अपने नाम की स्थापना की है।