नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान दर्ज एक एफआईआर के मामले में सुनवाई टाल दी है। मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।
आज सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे का जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी। 17 फरवरी को कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल के उस बयान पर आपत्ति जताई थी, जिसमें कथित तौर पर कहा गया था कि खुदा में विश्वास रखने वाले अगर भाजपा को वोट देते हैं तो खुदा उन्हें माफ नहीं करेगा।
केजरीवाल ने एफआईआर को निरस्त करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जनवरी में हाई कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट जाने के पहले केजरीवाल ने सुल्तानपुर के ट्रायल कोर्ट में आरोप मुक्त करने की अर्जी दाखिल की थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
केजरीवाल के खिलाफ 2014 में सुल्तानपुर में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि जो कांग्रेस को वोट देगा, मेरा मानना है कि देश के साथ गद्दारी करेगा। जो भाजपा को वोट देगा, उसे खुदा भी माफ नहीं करेगा, देश के साथ गद्दारी होगी। ट्रायल कोर्ट ने 6 सितंबर 2014 को इस मामले पर संज्ञान लेते हुए केजरीवाल को समन जारी किया था।