Saturday, May 18, 2024

अपने घर की सुख-शांति हेतु अपनाएं इन आसान उपायों को

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काम, आजीविका, नौकरी में तरक्की या अच्छे रोजगार की कामना है तो शिवलिंग का शहद की धारा से अभिषेक करें। सोमवार को शिवलिंग पर आंकड़े का फूल या धतूरा चढ़ाने से पारिवारिक, कार्यक्षेत्र या अदालती विवादों से छुटकारा या मनचाहे नतीजे मिलते हैं।
सोमवार कालसर्प दोष शांति के लिए बहुत शुभ है। इसलिए इसके लिए जिम्मेदार राहू ग्रह के 18000 मंत्र जप किसी विद्वान ब्राह्मण से जानकर अवश्य करें।

इन सब उपायों में से कोई भी न कर सकें तो कम से कम सोमवार के दिन शिव को पावन जल और बिल्वपत्र ही अर्पित कर दें। इससे जीवन में हो रही हर उथल-पुथल थम जाएगी।
इस एक शिव मंत्र से ही बंध जाएगा परेशानियों का पुलिंदा। भगवान शिव ‘हर नाम से भी पूजनीय हैं। जिसके पीछे धार्मिक आस्था से यही भाव है कि शिव भक्त की पुकार पर उसके सभी कष्ट व पीड़ाओं को हर यानी हरण कर लेते हैं। पौराणिक प्रसंग भी उजागर करते हैं कि चाहे वह समुद्र मंथन से निकले हलाहल यानी विष को पीने की बात हो या स्वर्ग से उतरी देव नदी गंगा के वेग को थामने के लिए उसे अपनी जटाओं में स्थान देने की बात, शिव ने संसार के संकटों को कल्याण भाव से हर लिया।

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यही कारण है कि सांसारिक जीवन में हर परेशानियों से मुक्ति या कामनासिद्धि के लिए हर यानी शिव का ध्यान बहुत ही मंगलकारी माना जाता है। शिव उपासना की विशेष घडिय़ों में सोमवार का दिन बहुत शुभ है।
सोमवार की मंगल घड़ी में अगर नीचे लिखे सरल मंत्र से शिवलिंग की सामान्य पूजा भी करें तो यह पीड़ा व कष्टों से जल्द निजात दिलाने वाला उपाय माना गया है। जानते हैं विशेष शिव मंत्र, जिसमें शिव की अद्भुत महिमा व स्वरूप की वंदना है।

सोमवार को स्नान के बाद स्वच्छ व सफेद वस्त्र पहन शांत मन से शिवालय या घर पर स्फटिक या धातु से बने शिवलिंग को खासतौर पर शांति की कामना से दूध व शुद्ध जल से स्नान कराएं।
शिव को सफेद चंदन, वस्त्र, अक्षत, बिल्वपत्र, सफेद आंकड़े के फूल व श्रीफल यानी नारियल पंचाक्षरी मंत्र ऊँ नम: शिवाय बोलते हुए चढ़ाएं व पूजा के बाद नीचे लिखे शिव का श्रद्धा से स्मरण या जप करें।

शिवो गुरु: शिवो देव: शिवो बन्धु: शरीरिणाम। शिव आत्मा शिवो जीव: शिवादन्यन्न किञ्चन।।
इसमें शिव की महिमा है कि शिव से अलग कुछ भी नहीं है, यानी शिव ही गुरु हैं, शिव देव हैं, शिव सभी प्राणियों के बन्धु हैं, शिव ही आत्मा हैं और शिव ही जीव हैं। इस मंत्र स्मरण व पूजा के बाद दूध की मिठाई का भोग लगाकर शिव की आरती धूप, दीप व कर्पूर से करें। प्रसाद ग्रहण कर सुकून भरे जीवन की कामना से सिर पर शिव को अर्पित सफेद चंदन लगाएं।

घर की देहरी पर न रखें जूते-चप्पल – अक्सर हम अपने जूते-चप्पल घर की देहरी पर उतार देते हैं या फिर अंदर लेकर चले आते हैं। ऐसा करना न केवल वास्तु शास्त्र के हिसाब से गलत है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र में भी घर में शुद्धता रखने की बात कही गई है। घर जितना शुद्ध रहेगा, उतना ही घर में लक्ष्मी का वास बना रहेगा।
यदि घर की देहरी पर जूते-चप्पल रखे जाते हैं तो न केवल घर का वातावरण अशुद्ध रहेगा, बल्कि लक्ष्मी का आगमन भी नहीं होने से आर्थिक स्थिति में संकट उत्पन्न हो सकता है। यदि घर के भीतर तक जूते-चप्पल लाये जायें तो गंदगी आकर घर को गंदा करेगी, इसलिये इस मामले में सावधानी बरतने की जरूरत है।

जूते-चप्पल के लिये अपने घर की देहरी के थोड़ी दूर या आंगन में लकड़ी की छोटी अलमारी रखी जा सकती है। मान्यता है कि देहरी  को जितना पवित्र रखा जायेगा, उतनी ही घर में बरकत होने के साथ लक्ष्मी का आगमन बना रहेगा। देहरी पर हो सके तो सुबह रंगोली बनाये या फिर स्वास्तिक भी बनाया जा सकता है।
जानिए किस उपाय से पूरा होगा आपके अपने घर का सपना- यदि आप भी चाहते हैं कि आपका अपना घर हो तो यहां एक उपाय बताया जा रहा है, जिससे आपकी घर की समस्या हल हो जाएगी।
यह ज्योतिष के अनुसार बताया गया है, अत: इसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की शंका या संदेह होने पर उपाय कारगर नहीं हो पाता है।

यदि किसी कारण वश आप अपना मकान नहीं बनवा पा रहे हैं या नया मकान नहीं खरीद पा रहे हैं तो नीम की लकडिय़ों का एक छोटा सा घर बनवाएं। घर बनवाने के बाद किसी गरीब बालक को खेलने के लिए दान कर दें। इस प्रकार दान करने से आपकी घर की समस्या बहुत ही जल्द दूर हो सकती है।
यदि नीम की लकड़ी से बना घर आप किसी बच्चे को दान नहीं कर सकते हैं तो इस घर को किसी मंदिर में रख आएं। इस उपाय से आपको अपना खुद का मकान शीघ्र ही प्राप्त हो जाएगा।
कीजिये आपकी सभी प्रॉब्लम/परेशानी का निवारण, गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ से।

नियमित रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से जीवन की हर परेशानी का अंत हो जाता है। भगवान गणेश को संकट निवारण करने वाले देवता के रूप में माना जाता है, वहीं इनकी आराधना करने से बुद्धि को तो बल मिलता ही है, वहीं धन की परेशानी भी खत्म हो जाती है। जो श्रद्धालु प्रतिदिन गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करता है, उसे कभी किसी बात की परेशानी नहीं आती है।
यूं तो हर दिन ही प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना उत्तम होता है, लेकिन चतुर्थी तिथि या बुधवार के दिन किसी गणेश मंदिर में जाकर इसका पाठ किया जाये तो मनोकामना पूरी होने में देर नहीं लगती है। इस बात का विशेष रूप से ध्यान रहे कि गणेश मंदिर में पाठ करने के साथ ही मोदक आदि का प्रसाद अवश्य चढ़ाएं।

पंडित विशाल दयानंद शास्त्री – विभूति फीचर्स

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