वाराणसी/प्रयागराज- दुनिया की मशहूर मोबाइल फोन कंपनी एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लारेन पॉवेल जॉब्स ने शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। दरबार में बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग का गर्भगृह के बाहर झांकी दर्शन कर लारेन पॉवेल जॉब्स आह्लादित नजर आई। लॉरेन पॉवेल भी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में शामिल होंगी। इस बात की जानकारी आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशनंद जी महाराज ने दी है।
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आध्यात्मिकता की खोज में भारत यात्रा पर आई लारेन पॉवेल जाब्स ने काशी विश्वनाथ धाम की दिव्यता को भी देर तक देखा। इसके पहले उन्होंने मां गंगा को प्रणाम कर नौकायन भी किया और काशी के अर्धचंद्राकार गंगाघाटों के नैर्सगिक सौंदर्य को भी निहारा। गंगा में नौकायन के दौरान उन्होंने गुलाबी सूट पहनने के साथ सिर पर दुपट्टा भी रखा था।
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जिसकी सोशल मीडिया में जमकर सराहना हुई। लारेन पॉवेल काशी से प्रयागराज महाकुंभ में भी जाएगी। उनके साथ मौजूद लोगों ने बताया कि महाकुंभ में वह श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में 10 दिनों तक रुकेंगी। कल्पवास के दौरान वह शिविर में योग, ध्यान के बाद संतों के आध्यात्मिक चर्चाओं में भाग लेंगी।
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उनके पति स्टीव जॉब्स ने भी अपनी कंपनी एप्पल की स्थापना से पहले भारत की आध्यात्मिक यात्रा की थी और वह नीम करौरी बाबा के आश्रम भी गए थे। विश्व की सबसे धनी महिलाओं में एक पॉवेल निजी भारत यात्रा पर है। अपने स्मृतिशेष पति स्टीव जॉब्स की तरह ही लॉरेन भी हिंदू और बौद्ध धर्म में भी झुकाव रखती है।
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स्वामी कैलाशनंद ने कहा, ‘लॉरेन अपने गुरु से मिलने आ रही हैं। वह मेरी बेटी जैसी है। शिष्या बेटी के समान होती हैं। हमने उनको अपना गोत्र भी दिया है और उनका नाम ‘कमला’ रखा है। यह दूसरी बार है जब वह भारत आ रही हैं। महाकुंभ में सभी का स्वागत है। वह कई दिन रुकेंगी। वे महाकुंभ में आकर साधुओं से मिलेंगी और हमारे परंपराओं को समझने की कोशिश करेंगी।’
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उन्होंने यह भी कहा कि हम कोशिश करेंगे कि पॉवेल को अखाड़े की पेशवाई में शामिल किया जाए, लेकिन यह उनके ऊपर निर्भर करेगा। वे इस कुंभ का दौरा करेंगी और यहां संतों से मिलेंगी। उन्हें भी अच्छा लगेगा। हमें भी अच्छा लगेगा कि जो लोग हमारी परंपराओं के बारे में ज्यादा नहीं जानते, वे भी सीखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘दुनिया में ज्यादातर लोग किसी न किसी गुरु के मार्गदर्शन में हैं। कुंभ में कई लोग आ रहे हैं, कुछ अपने निजी कार्यक्रम के लिए आ रहे हैं। यह एक धार्मिक मेला है, दुनियाभर और भारत से लोग आशीर्वाद लेने के लिए महाकुंभ आते हैं।’