Friday, January 3, 2025

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी की मांग, ‘शाही’ स्नान शब्द से ‘शाही’ को हटाया जाए

महाकुंभ नगर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने मंगलवार को आईएएनएस से विशेष बातचीत करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से कई सवालों के जवाब दिए। इसके अलावा राजनीतिक मामलों पर भी प्रतिक्रिया दी। महंत रविंद्र पुरी ने शाही स्नान पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, “हमारी सनातन परंपरा और संस्कृति में जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, वह हमारी भारतीय संस्कृति से जुड़ा होता है।

उर्दू और हिंदी दोनों भाषाओं का आपस में संबंध है, लेकिन जब धर्म, परंपरा और संस्कृति की बात आती है तो हमारा प्रयास हमेशा संस्कृत या हिंदी में शब्दों का प्रयोग करने का रहता है। हमने इस स्नान का नाम राजसी स्नान दिया है।” संघ प्रमुख मोहन भागवत की बातों का समर्थन करते हुए महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि वह सनातन धर्म के बहुत बड़े प्रहरी हैं। उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है और हम उनका आदर करते हैं। उन्होंने जो भी कहा, वह धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए कहा। कुछ लोग उनके बयान को अलग तरीके से समझने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनका उद्देश्य कभी भी हिंदू-मुसलमान विवाद को बढ़ाना नहीं था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों का समर्थन करते हुए महंत ने कहा कि उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद सनातन धर्म को कोई खतरा नहीं है। पहले जो हमारे दुश्मन थे, अब वे बिलों में छुपे हुए हैं। जब तक प्रधानमंत्री मोदी हैं, हमारा धर्म सुरक्षित रहेगा। अब हिंदू समाज पूरी तरह से एकजुट हो चुका है और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। गैर-हिंदू समुदाय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमने कभी किसी गैर-हिंदू से विरोध नहीं किया। जो लोग हमारे खिलाफ हैं, उनका विरोध करना चाहिए। हमने कभी किसी गैर-हिंदू से कोई संघर्ष नहीं किया, बल्कि हमें हमेशा उनकी मदद की जरूरत पड़ी है। जिहादी ताकतों को रोकने के लिए हमें उनके खिलाफ कदम उठाने चाहिए, लेकिन सामान्य मुसलमान भाइयों के खिलाफ कोई प्रतिबंध नहीं है। हमारे यहां जितनी दुकानदार, कारीगर और ठेकेदार हैं, वे ज्यादातर मुसलमान हैं और हमने कभी भी उनके साथ विरोध नहीं किया है। लेकिन कुछ लोग यहां गलत काम करने की कोशिश करते हैं, जैसे चाय में थूक मिलाना या जूस में पेशाब मिलाना। उन्हें हम अपने समाज से दूर रखना चाहते हैं।

हम चाहते हैं कि हमारा मेला साफ, सुंदर और शांति से हो ताकि कोई गलत संदेश न जाए। महंत रविंद्र पुरी ने कुंभ मेला और गंगा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारा मेला सुंदर, स्वच्छ और भव्य होना चाहिए। यह पूरी दुनिया को दिखाता है कि सनातन संस्कृति कितनी पवित्र है। हम चाहते हैं कि यह मेला हर किसी के लिए सुख और शांति लेकर आए। गंगा जी के पानी की शुद्धता पर भी जोर देते हुए उन्होंने कहा कि गंगा जी के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए सरकार और संतों का प्रयास है। जो लोग गंगा के पानी के बारे में नकारात्मक प्रचार करते हैं, वे गलत हैं। राजनीतिक परिदृश्य पर सवाल किए जाने पर महंत रविंद्र पुरी ने कहा, “जो लोग हिंदू राष्ट्र के खिलाफ बात करते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली है, तब से हिंदू राष्ट्र की विचारधारा को मजबूती मिली है। हम भारत को हिंदू राष्ट्र मानते हैं और यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और अधिक सशक्त हुई है।

हमारा देश हिंदू राष्ट्र बन चुका है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साक्षात आस्थावान हैं, जो मंदिरों में नतमस्तक होते हैं और अपनी श्रद्धा दिखाते हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है क्योंकि अब तक किसी प्रधानमंत्री ने इस प्रकार की आस्था नहीं दिखाई। अब हम सब मिलकर हिंदू राष्ट्र के रूप में एकजुट हैं और इस मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं।” समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा कुंभ की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए जाने पर महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि अखिलेश यादव ने कभी संतों के हित में बात नहीं की। वह हमेशा अपने राजनीतिक फायदे के लिए बोलते हैं। अगर वह कुंभ मेले में आकर यहां की व्यवस्थाओं को देखेंगे, तो उन्हें सही समझ आएगा कि हम क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए हमें अपनी जड़ों को मजबूत करना होगा।

भारत की भूमि पर जितनी मस्जिदें हैं, वह पहले मंदिर हुआ करती थीं। हमें इस सत्य को समझना होगा और इसे अपनी आगामी पीढ़ियों तक पहुंचाना होगा। महंत रविंद्र पुरी ने कुंभ क्षेत्र में मुसलमानों के प्रवेश के बारे में सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जाति से कोई फर्क नहीं पड़ता, अधिकारी सबका होता है, इसलिए अधिकारी पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। अगर कोई सरकारी अधिकारी आता है, तो उस पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए। मैंने यह भी कहा है कि जो अच्छे गैर-हिंदू हैं, उन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। हमारे उद्देश्य में कोई भेदभाव नहीं है। प्रतिबंध केवल उन लोगों के लिए है जिनकी सोच कट्टर है, जो हमारे धर्म को भ्रष्ट करना चाहते हैं, सनातन संस्कृति को मिटाना चाहते हैं और हमारे पुण्य कार्यों की नकल करने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोगों के लिए प्रतिबंध है। हम चाहते हैं कि कुंभ क्षेत्र में शांति और सद्भावना रहे, और हम किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक तनाव से बचना चाहते हैं।

मुस्लिम दुकानदारों को हम इस क्षेत्र में तब तक नहीं आने देंगे जब तक उनकी नीयत साफ न हो और वे हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों का सम्मान करते हुए आते हों। सनातन बोर्ड को लेकर रविंद्र पुरी ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने वक्फ बोर्ड को गैर-हिंदुओं के लिए दे दिया था, लेकिन हिंदुओं को कुछ नहीं मिला। आजकल गैर-हिंदू यह भी कहते हैं कि संसद भवन, एयरपोर्ट और रेलवे की भूमि उनकी है, लेकिन सनातन समुदाय के पास कुछ नहीं है। सनातन बोर्ड का गठन इसलिए किया जाएगा ताकि जितनी जमीन वक्फ बोर्ड को मिली है, उसका 80 प्रतिशत हिस्सा सनातन बोर्ड को मिले। पहले साधु-संतों और जनता से विचार विमर्श होगा और उसके बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।

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