लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही दो साल दूर हो, लेकिन समाजवादी पार्टी (सपा) ने अभी से अपनी चुनावी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी का वार रूम पूरी तरह से एक्टिव हो गया है और अलग-अलग जिलों से रिपोर्ट मंगाई जा रही है।
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सपा कार्यकर्ता यह जानकारी जुटा रहे हैं कि कहां-कहां पार्टी ने कैंप लगाए थे, कितनी जगहों पर भंडारे का आयोजन हुआ, किस नेता ने प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं की क्या मदद की, और अखिलेश यादव ने संगम में स्नान कर कितनी डुबकी लगाई।
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इन्हीं रिपोर्ट्स के आधार पर अखिलेश यादव ने एक ‘खास किताब’ छपवाने का फैसला किया है, जिसमें उनकी पार्टी द्वारा किए गए कार्यों का विस्तृत विवरण होगा। इस किताब को जनता के बीच बांटा जाएगा, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि समाजवादी पार्टी महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित थी।
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अखिलेश यादव द्वारा किताब छपवाने के फैसले पर बीजेपी ने तंज कसा है। पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश यादव ने पहले तो महाकुंभ को लेकर अफवाहें फैलाईं और जब आयोजन सफल रहा, तो अब खुद को हिंदू समर्थक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
राकेश त्रिपाठी ने कह कि जनता सब जानती है। अखिलेश यादव ने शुरू में महाकुंभ को लेकर गलत प्रचार किया। अब जब महाकुंभ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया तो वे अपनी छवि सुधारने में लगे हैं। यह सब दिखावा है।”
समाजवादी पार्टी का मानना है कि बीजेपी महाकुंभ के जरिए उन्हें ‘सनातन विरोधी’ साबित करने की कोशिश कर रही है। पार्टी को डर है कि इससे उनके पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) वोट बैंक में सेंध लग सकती है।
इसी वजह से सपा ने हिंदू मतदाताओं को साधने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। अखिलेश यादव ने अपने करीबी नेताओं के साथ एक अहम बैठक की, जिसमें किताब छपवाने के अलावा एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने का भी निर्णय लिया गया।
बीजेपी ने अखिलेश यादव की इस रणनीति को ‘राजनीतिक पाखंड’ करार दिया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि”पहले अखिलेश यादव महाकुंभ पर सवाल उठाते थे, अब अपनी छवि सुधारने के लिए किताब और फिल्म बना रहे हैं। लेकिन जनता इतनी बेवकूफ नहीं है।”
समाजवादी पार्टी ने अपनी छवि सुधारने के लिए दो बड़े कदम उठाए कि किताब, जिसमें महाकुंभ में सपा के योगदान और अखिलेश यादव के संगम स्नान का ब्यौरा होगा। डॉक्यूमेंट्री फिल्म – जिसमें महाकुंभ में हुई अव्यवस्थाओं को उजागर किया जाएगा। PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) वोट बैंक को मजबूत करना। हिंदू विरोधी छवि को बदलना होगा।