मुंबई- बॉम्बे उच्च न्यायालय ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलकर क्रमश: छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं बुधवार को खारिज कर दीं।
मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि राज्य सरकार का निर्णय किसी भी अवैधता या अन्य दोष से ग्रस्त नहीं है इसलिए अदालत के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
राज्य सरकार ने औरंगाबाद डिवीजन, जिले, तालुका, शहर और गांव का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद जिले, शहर, तालुका और गांव का नाम बदलकर धाराशिव करने का फैसला किया था।
शहरों का नाम बदलने के खिलाफ आज न्यायालय में सुनवाई हुई जिसमें याचिकाकर्ता की याचिका खारिज हो गई और नाम बदलने पर मुहर लग गई है।
मुख्य याचिकाकर्ता मुश्ताक अहमद और मोहम्मद हिशाम उस्मानी ने इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने का संकल्प लिया है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जून 2022 में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की आखिरी कैबिनेट बैठक में इन स्थानों के नाम बदलने का फैसला किया, इसके बाद उनकी सरकार गिर गई।