चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने सोमवार को कहा कि खालिस्तान विचारक और ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है, जबकि 18 मार्च की कार्रवाई के सिलसिले में अब तक 114 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एक बड़े घटनाक्रम में अमृतपाल सिंह के चार सहयोगियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है। अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह, जिन्हें सोमवार तड़के गिरफ्तार किया गया था, पर भी कड़े कानून के तहत मामला दर्ज किए जाने की संभावना है।
जबकि अमृतपाल सिंह के चार सहयोगियों दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह और प्रधानमंत्री बाजेका को असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है, उनके चाचा को भी वहां ले जाया जा रहा है। मीडिया को संबोधित करते हुए गिल ने स्पष्ट किया कि अमृतपाल सिंह लगातार फरार है और उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।
हालांकि, उन्होंने अमृतपाल सिंह पर रासुका लगाने से इनकार नहीं किया, जिनके खिलाफ पुलिस ने छह मामले दर्ज किए थे। कट्टरपंथी नेता की मर्सिडीज सहित कुल 10 हथियार और चार वाहन जब्त किए गए हैं। पंजाब पुलिस को ‘वारिस पंजाब दे’ के लिए आईएसआई और विदेशी फंडिंग की संलिप्तता का संदेह है, जिसकी जांच की जा रही है।
आईजी ने कहा, हमें विदेशी फंडिंग के अलावा पाकिस्तान की आईएसआई की संलिप्तता का संदेह है। आरोपी हवाला चैनलों का भी इस्तेमाल कर रहे थे। हमारे पास सबूत हैं कि आरोपी अमृतपाल के करीबी सहयोगियों की ‘आनंदपुर खालसा फौज’ (एकेएफ) बना रहे थे। अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ दर्ज छह प्राथमिकियों में अवैध हथियार रखने के अलावा पुलिस के काम में बाधा डालना और पुलिस पर हमला करना शामिल है।
आईजी ने कहा कि पुलिस को अमृतपाल सिंह द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहनों में से एक वॉकी-टॉकी भी मिला है। इसके अलावा बुलेटप्रूफ जैकेट और राइफलें बरामद हुई हैं। अमृतपाल सिंह के घर के गेट पर एकेएफ लिखा हुआ था।
गिल ने स्पष्ट किया कि पंजाब में स्थिति पूरी तरह सामान्य है और तलाशी अभियान जारी है।