Saturday, May 11, 2024

शहीद आर्मी जवान चंदन का पार्थिव शरीर नवादा नहीं लाने से आक्रोशित जवानों ने किय्या 11बजे रात्रि तक सड़क जाम

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नवादा। जम्मू-कश्मीर के पूंछ सेक्टर में आतंकी हमले में शहीद हुए नवादा के लाल चंदन कुमार का शव पैतृक घर तीसरे दिन भी नहीं पहुंचने से घर परिवार और इलाके के लोग गुस्से में हैं।

भड़के लोगों ने शनिवार की रात्रि 11 बजे तक एनएच 20 को खरांट मोड़ के समीप जाम कर गुस्से का इजहर किया। बड़ी संख्या में लोग हाथों में तिरंगा लिए हाइवे पर जमे रहे। जिला प्रशासन के अधिकारी समझा-बुझाकर जाम हटवाने का प्रयास किया। लोग सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे थे। जाम से एनएच 20 पूरी तरह से ठप रहा। रूट डायवर्ट कर लोग गंतव्य को जा रहे थे। बताया जा रहा है कि सेना के अधिकारी परिजनों को शव की पहचान के लिए उधमपुर (जम्मू) बुला रहे हैं।

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नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखण्ड के कुटरी पंचायत की नारोममुरार गांव के गरीब किसान मौलेश्वर सिंह के दूसरे पुत्र आर्मी जवान 24 वर्षीय चंदन कुमार गुरुवार की दोपहर बाद पूंछ सेक्टर में आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। घटना के तीन दिन बाद भी शहीद चंदन का पार्थिव शरीर गांव नहीं पहुंचा है। ग्रामवासी सह मुखिया अभिनव आनंद ने कहा कि किसी भी स्थिति में शहीद का पार्थिव शरीर सरकार गांव तक पहुंचाए। ग्रामीण प्रशासन और सरकार से गुहार लगा रहे हैं।

आतंकी हमले में पांच जवानों के शहादत की बात सामने आई है। जिसमें नवादा के चंदन भी शामिल हैं। सेना के अधिकारियों द्वारा चंदन के बड़े भाई पीयूष कुमार को मोबाइल पर शुक्रवार की रात 12:30 बजे शहादत की सूचना दी गई थी।

खबर के बाद से परिजन और ग्रामीण शहीद का पार्थिव शरीर गांव आने का इन्तेजार कर रहे थे। लेकिन, पार्थिव शरीर शनिवार को शाम तक नहीं पहुंचा।

इस बीच सेना के अधिकारी के द्वारा शहीद के बड़े भाई पीयूष को फोन कर पांच स्वजन को उधमपुर (जम्मू) आने को कहा जा रहा है। नवादा के सांसद चंदन सिंह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय से बात कर शव को गांव लाने का प्रयास कर रहे हैं शव की पहचान ही अड़चन बनी हुई है ।सांसद ने कहा कि शव को साथ लेकर गांव पहुंचेंगे ।जरूरत पड़ी तो वे शव के पास जम्मू कश्मीर भी पहुंच जाएंगे।

शहीद के भाई व परिजनों ने बताया कि सेना के अधिकारी बार-बार फोन कर रहे हैं। फोन पर कहा जा रहा हैं कि पांच व्यक्ति सेना कैंप में पहुंचिए और अपने शव की शिनाख्त कीजिए। तब शव को विमान से गांव पहुंचाया जाएगा। लेकिन परिजन वहां जाने को तैयार नहीं है। परिजनों व ग्रामीणों को संभावना है कि वहां पहुंचने के बाद पार्थिव शरीर का अंत्येष्ठि वहीं किया जा सकता है। शाहिद के शब्द को गांव लाने के लिए 11:00 बजे रात्रि तक सड़क जाम किया गया। बाद में अधिकारियों के समझाने बुझाने के बाद सड़क जाम खत्म किया गया। ग्रामीणों में आक्रोश है कि केंद्र तथा बिहार सरकार ने अब तक शहीद के परिजन की सहायता के लिए किसी प्रकार की घोषणा नहीं की है तथा सरकार के कोई भी नुमाइंदे शहीद के घर नहीं पहुंचे हैं ।

इस बात को लेकर ग्रामीण तथा परिजन ज्यादा दुखी हैं। हालांकि सांसद चंदन सिंह, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और मंत्री नित्यानंद राय के साथ मिलकर शाहिद के शव को परिजनों के पास लाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन भारतीय सेना के कुछ अलग कानून कायदे हैं । इसके तहत निर्णय लिए जाएंगे। सांसद चंदन सिंह खुद भी इस मामलों को लेकर काफी परेशान है। वह बार-बार गृह मंत्रालय से शव को गांव ले जाने का आग्रह कर रहे हैं।

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