नोएडा। अपनी गाढ़ी कमाई के लाखों करोड़ों रुपए देकर लोग अपने सपनों का घर लेकर यह सोचते हैं कि अब जिंदगी थोड़ी आसान होगी। लेकिन हाईराइज सोसाइटी में रहने वाले लोगों और काम करने वालों की समस्या कम नहीं बल्कि बढ़ ही रही है और वह भी अब लिफ्ट के नए रूप में। हाई राइज सोसायटी में रहने वाले और काम करने वाले लोग लिफ्ट से आने जाने में डर रहे हैं। डर इस बात का है कि ना जाने कब कौन से लिफ्ट कितनी देर के लिए बंद हो जाए या बीच रास्ते में अटक जाए।
3 अगस्त को नोएडा के सेक्टर 137 के पारस टियरा सोसाइटी में हुए लिफ्ट हादसे में 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत होने के बाद लोग अब लिफ्ट को लेकर काफी ज्यादा दहशत में हैं। वहीं अब लिफ्ट एक्ट के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी यह कह चुके हैं कि वह जल्द से जल्द लिफ्ट एक्ट को लागू करेंगे और जवाबदेही तय होगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी लिफ्ट का मुद्दा उठाया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि उत्तर प्रदेश में सबसे अच्छा लिफ्ट एक्ट होगा।
22 दिसंबर को ही नोएडा के सेक्टर-125 स्थित एक टावर की लिफ्ट गिरने से बड़ा हादसा हो गया। हादसे में 9 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को उपचार के लिए करीब के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हादसे के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस के अनुसार सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली 126 के अन्तर्गत स्थित सेक्टर-125 के अन्तर्गत रिवर साइट टावर की लिफ्ट शुक्रवार को टूटकर गिर गई। यहां पर कई ऑफिस एवं संस्थान हैं। शाम के समय लोग डयूटी से अपने घर लौट रहे थे तभी यह हादसा हुआ।
इससे पहले 27 जून को गाजियाबाद की गौर होम सोसाइटी की लिफ्ट में 9 लोग फंस गए थे। अचानक लिफ्ट बंद होने के चलते लोग करीब 15 मिनट तक अंदर चिल्लाते रहे। जैसे-तैसे इन्हें मैनुअल तरीके से लिफ्ट खोलकर बाहर निकाला गया। लोगों का कहना है कि मेंटीनेंस के नाम पर हर साल लाखों रुपया इकट्ठा होता है, लेकिन काम कुछ नहीं होता।
इससे पहले 10 जुलाई को ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनी महागुन मंत्रा सोसाइटी में 4 महिलाएं और 2 बच्चे लिफ्ट में करीब 20 मिनट तक फंसे रहे। सोसाइटी के मेंटेनेंस टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। इस घटना के बाद से लिफ्ट में सवार बच्चे काफी डर गए हैं।
28 जुलाई को नोएडा के थाना सेक्टर 63 क्षेत्र में कमलेश कंपनी में लिफ्ट से ऊपर जा रहा था, अचानक लिफ्ट का तार टूटने के कारण लिफ्ट नीचे गिर गई। कड़ी मशक्कत के बाद उसे लिफ्ट के बाहर निकाला गया। कंपनी के कर्मचारिगणों द्वारा तत्काल उसे पास के कैलाश हॉस्पिटल ले जाया गया। उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
3 अगस्त को नोएडा के सेक्टर-137 स्थित पारस टियारा सोसाइटी में बड़ा हादसा हो गया। यहां तार टूटने से लिफ्ट सीधे 24 फ्लोर से दो से तीन फ्लोर नीचे आकर रुकी। जिससे लिफ्ट में मौजूद महिला को पैनिक अटैक आया और वो बेहोश हो गई। महिला को नजदीक के फैलिक्स अस्पताल में लाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला की उर्म करीब 72 साल के आसपास थी। सोसायटी वालों ने बताया कि महिला परिवार के साथ करीब एक साल से सोसाइटी में रह रही थी। वह रोजाना की तरह ही नीचे गार्डन में टहलने के लिए लिफ्ट से नीचे कॉमन एरिया में आ रही थी।
15 सितंबर को ग्रेटर नोएडा में बड़ा हादसा हुआ था। ड्रीम वैली प्रोजेक्ट में निर्माणाधीन साइट पर लिफ्ट गिरने से 10 मजदूरों की मौत हो गई थी।
दो नवंबर को फेस-टू थाना क्षेत्र के सेक्टर-110 स्थित यथार्थ अस्पताल में गिर गई। इस लिफ्ट में सामान ले जाने का काम किया जाता था। घटना के दौरान अस्पताल में काम करने वाले चार लोग मौजूद थे। तार टूटने से लिफ्ट झटके से नीचे गिरी।
इन घटनाओं को लेकर लोगों में रोष है। वो कहते हैं कि जब हम इतनी मोटी मेंटेनेंस फीस हर महीने भरते हैं तो हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा।
लिफ्ट हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन इसके पीछे की असल वजह क्या हो सकती है, इस बारे में टाउन प्लैनिंग एक्सपर्ट अभिनव सिंह चौहान बताते हैं कि अक्सर मेंटेनेंस डिपार्टमेंट लिफ्ट की मेंटेनेंस करते वक्त समय सीमा का ध्यान नहीं रखता है और वह ज्यादा होने की वजह से और कई बार घटिया सामग्री इस्तेमाल करने की वजह से इस तरीके के हादसे होते हैं। लिफ्ट में लगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के साथ हुई छेड़छाड़ भी लिफ्ट हादसे की वजह बनती है। इसीलिए इतिहास के तौर पर जब छोटे बच्चे लिफ्ट में ट्रेवल करें तो उनके साथ एक बड़े का होना बेहद जरूरी होता है।
ग्रेटर नोएडा आए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के कुछ दिनों पहले ही समीक्षा बैठक के दौरान लिफ़्ट एक्ट का मुद्दा उठाया गया। गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने लगातार हो रहे हादसों की तरफ़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ध्यान आकर्षित किया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, “बीते विधानसभा सत्र में लिफ़्ट एक्ट को पास करवाया जाना था, लेकिन उसमें कुछ कमियां थी। मैंने संबंधित विभागों से प्रजेंटेशन देने के लिए कहा था। अब कमियों को दूर करने का आदेश दिया गया है। उत्तर प्रदेश का लिफ़्ट एक्ट सबसे अच्छा क़ानून बनेगा। हम लिफ़्ट एक्ट अगले विधानसभा सत्र में ज़रूर पास कर देंगे।