नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की हार और मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत पर तंज कसते हुए बुधवार को कहा कि राज्य से राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने में कांग्रेस ने हिमाचलियों की अनदेखी कर एक बाहरी व्यक्ति को टिकट दिया जिससे राज्य की जनता में गुस्सा था और इसका आक्रोश कांग्रेस के अपने विधायकों में भी नजर आया।
ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बड़े-बड़े और झूठे वादे कर कांग्रेस सत्ता में आई थी, लेकिन 14 महीने में ही राज्य की जनता और कांग्रेसी विधायक सरकार से दुःखी और त्रस्त हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में विकास के कार्य ठप्प हैं और सरकार के मंत्री एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने में लगे हैं।
हिमाचल में मुख्यमंत्री के खिलाफ कांग्रेस विधायकों की बगावत को उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला बताते हुए ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के विधायक अगर अपने मुख्यमंत्री को बदलना चाहते हैं तो यह उनके पार्टी का आंतरिक मामला है, लेकिन सच्चाई तो यही है कि हिमाचल प्रदेश की जनता सिर्फ 14 महीने के उनके शासनकाल में निराश और त्रस्त हो गई है। कांग्रेस के झूठे वादे आज फीके पड़ते नजर आ रहे हैं, कांग्रेस बिखरी हुई और टूटी हुई नजर आ रही है और आज कांग्रेस के पास कोई जवाब नहीं है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।
ठाकुर ने कांग्रेस पर बड़े-बड़े और झूठे वादे कर सत्ता में आने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के विधायक जब अपने क्षेत्र में जाते हैं तो लोग उनसे पूछते हैं कि वादों का क्या हुआ। लेकिन विधायकों के पास कोई जवाब नहीं होता है। उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल में कांग्रेस के विधायक अपनी ही सरकार से दुःखी हैं। मात्र 14 महीने के भीतर इनके अपने ही विधायक इनका साथ छोड़ गए।
हिमाचल सीएम के आरोपों पर पलटवार करते हुए ठाकुर ने कहा कि जिनसे अपने ही विधायक, परिवार और पार्टी नहीं सँभल पाई, वे अब दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आप आज के दिन देखिए क्या-क्या होता है आपको सारे उत्तर मिल जाएंगे।