वाराणसी। रामनगरी अयोध्या के 84 कोस क्षेत्र को मदिरा निषेध क्षेत्र घोषित होने के बाद अब काशी के पंचकोशी क्षेत्र में भी मांस मदिरा बंद करने की मांग उठी है। इसके लिए सामाजिक संस्था आगमन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है।
संस्था के संस्थापक और अभियान पवित्र काशी के संयोजक वरिष्ठ पत्रकार डॉ संतोष ओझा के अनुसार अयोध्या और मथुरा के तर्ज पर काशी के पंचकोशी क्षेत्र में भी मांस मदिरा की दुकानें बंद होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि इसके लिए पिछले दो साल से ‘अभियान पवित्र काशी’संतों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चला रहे हैं। अभियान के तहत पूर्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस संदर्भ में पत्र लिखकर निवेदन भी किया गया।
उन्होंने बताया कि बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के पंचकोशी क्षेत्र को मांस मदिरा निषेध क्षेत्र घोषित करने की लड़ाई जारी है। बीते 2 सालों से आगमन सामाजिक संस्था और ब्रह्म सेना इसके लिए अभियान चला रही है। सिर्फ अभियान नहीं बल्कि लोगों को इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है। इसके लिए धार्मिक अनुष्ठान, पदयात्रा,पेंटिंग प्रतियोगिता, जनजागरण रैली के अलावा अलग अलग कार्यक्रम किए जा रहें है।
उन्होंने बताया कि सनातन धर्म के तीन शंकराचार्य सहित काशी के सभी पीठ और मंदिर के पीठाधीश्वर,महंत और साधु सन्तों ने भी इस अभियान का समर्थन किया है। यही नहीं दूसरे शहरों से आये संत,महंथ,धर्माचार्य और कथावाचकों ने ‘अभियान पवित्र काशी’ के समर्थन में पत्र और अपना वक्तव्य जारी किया है।
डॉ संतोष ओझा ने बताया कि अयोध्या के 84 कोसी क्षेत्र में शराब बंदी का रास्ता साफ हो गया है। उप्र के आबकारी मंत्री ने इसका एलान किया है जो स्वागत योग्य है। जिस तरह भगवान राम की 84 कोस क्षेत्र को पवित्र भूमि को सरकार ने मदिरा मुक्त क्षेत्र किया है। उसी तरह बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस को भी मांस मदिरा की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना चाहिए।