नई दिल्ली। 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार ने मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) को विशेष सम्मान देते हुए उन्हें समारोह में विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। यह पहल उनके समर्पण और भारत के स्वास्थ्य तंत्र में अटूट योगदान को मान्यता देने के उद्देश्य से की गई थी। देश के विभिन्न राज्यों से करीब 250 आशा कार्यकर्ताओं को उनके जीवनसाथी के साथ इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनने का अवसर दिया गया।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस कदम को आशाओं के अद्वितीय योगदान को पहचानने और उनका मनोबल बढ़ाने का प्रतीक बताया। मंत्रालय ने कहा कि ये कार्यकर्ता भारत के स्वास्थ्य सेवा तंत्र की रीढ़ हैं और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य पहलों को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इस मौके पर कहा, “आशाएं देश की स्वास्थ्य योजनाओं का आधार हैं। उनकी मेहनत और समर्पण के बिना कई स्वास्थ्य कार्यक्रम सफल नहीं हो पाते।”
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उन्होंने आगे कहा कि आशा कार्यकर्ताओं का काम न केवल देश के कोने-कोने तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना है, बल्कि टीबी उन्मूलन मिशन और अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में भी उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता से अनगिनत जिंदगियां बचाई हैं। स्वास्थ्य सचिव ने आशाओं को “भारत की नारी शक्ति का जीता-जागता उदाहरण” बताते हुए उनके योगदान को सराहा।
वर्तमान में, भारत में 10.29 लाख से अधिक आशा कार्यकर्ता संपर्क के पहले बिंदु के रूप में काम कर रही हैं। वे समुदायों और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच कड़ी के रूप में कार्य करती हैं। उनके प्रयासों का फोकस मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, और राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर है। आशाएं दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए भी विशेष रूप से जानी जाती हैं।
गणतंत्र दिवस समारोह के लिए राजधानी पहुंचने पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों ने आशा कार्यकर्ताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया। उनके लिए दिल्ली के ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित स्थलों का भ्रमण कराने की भी विशेष व्यवस्था की गई। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और इंडिया गेट का दौरा किया, जहां उन्होंने देश के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में आराधना पटनायक, अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक (एनएचएम) समेत स्वास्थ्य मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। आशा कार्यकर्ताओं ने अगले दिन गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया और इस अनोखे सम्मान के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया।
आशा कार्यकर्ताओं की यह उपस्थिति देशभर में उनकी सेवाओं को एक नई पहचान देने का प्रतीक है। इस कार्यक्रम ने उनके समर्पण को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी और यह दिखाया कि किस प्रकार उनका काम भारत के स्वास्थ्य तंत्र को मजबूती प्रदान कर रहा है।