Friday, November 22, 2024

विदेशी फसलों की खेती करने के उस्ताद है अशोक: गया में उपजाया जा रहा विदेशी ओनियन, आर्डर मिला तो ऑनलाइन बीज मंगवाई और शुरू कर दी इसकी खेती

गया। बिहार के गया में विदेशी प्याज की खेती की जा रही है। यह विदेशी प्याज थाई प्याज है, जिसे लिक कहा जाता है. फिलहाल में गया जिले के बोधगया प्रखंड के बकरौर गांव में विदेशी प्याज की खेती शुरू कर दी गई है। इस खेती को करने वाले किसान अशोक कुमार को विदेशी फसलों की खेती करने के मामले में उस्ताद समझा जाता है।

 

गया के किसान अशोक कुमार ने थाई प्याज की खेती लगाई है। करीब 3 से 4 कटठे में इसकी शुरुआत की गई है। ट्रायल के तौर पर फिलहाल इस फसल को लगाया गया है। ट्रायल सफल रहा और इनकम अच्छी हुई तो अगली बार इसे बीघे में उनके द्वारा लगाया जाएगा। किसान अशोक कुमार के विदेशी प्याज की खेती करने को लेकर स्थानीय किसान इसे कौतूहल मानते हैं, क्योंकि इसके लिए काफी सीखना -समझना पड़ता है, तब जाकर किसी विदेशी फसल की खेती हो पाती है।

 

थाई प्याज लहसुन के फसल की तरह दिखता है। विदेशी थाई प्याज में खासियत यह है कि यह सिर्फ पता नुमा होता है। पता नुमा थाई प्याज के कई गुणकारी लाभ भी बताए जाते हैं। यही वजह है, कि विदेशियों में थाई प्याज की डिमांड ज्यादा होती है। थाई प्याज की डिमांड को देखते हुए किसान अशोक प्रसाद ने इसकी खेती शुरू की है। पहली बार गया में विदेशी प्याज की खेती हो रही है।

 

इस संबंध में विदेशी प्याज की खेती करने वाले किसान अशोक प्रसाद बताते हैं, कि उनके द्वारा बकरौर में थाई प्याज की खेती की जा रही है। इसे लिक बोला जाता है। इसकी मार्केट में डिमांड है। चूंकि यहां विदेशियों के बीच थाई प्याज की मांग रहती है। थाई प्याज सब्जी या अन्य डिश में कटिंग करके डालते हैं। दिखने में यह लहसुन की तरह है। विदेशियों द्वारा इसका उपयोग ज्यादातर किया जाता है। इसका फिलहाल जो बिक्री का मूल्य है, वह 200 रूपए किलो के आसपास है। इसे काटने का झंझट कम है। हाथ से तोड़कर भी सब्जी में डाल सकते हैं। थाई ग्रुप इसे ज्यादा चॉइस करते हैं। विदेशी थाई प्याज की मांग ज्यादातर करते हैं। अभी टेस्टिंग के लिए इसे लगाया गया है, डिमांड के अनुसार इसकी खेती को और आगे बढ़ाएंगे। कई तरह की बीमारियों में थाई प्याज लाभदायक है। ऑर्गेनिक तरीके से इसकी खेती कर रहे हैं। इसमें केमिकल कम पड़ता है, गुणवत्ता युक्त उत्पाद इसका मेरे द्वारा किया जा रहा है।

 

किसान अशोक प्रसाद यह भी बताते हैं कि उनके पास ऑर्डर आया था कि थाई प्याज दे सकते हैं, ऑर्डर आते ही उन्होंने इस पर सर्च किया। फिर ऑनलाइन बीज मंगवाए, बिल्कुल नई किस्म की रही थाई प्याज की खेती शुरू कर दी है। ऑनलाइन बीज मंगवाने के बाद खेतों में लगाया, तीन से चार कट्टे में खेती कर रहे हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय