Tuesday, April 15, 2025

संभल में एएसआई की टीम ने देखी पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने बुधवार को चंदौसी क्षेत्र में स्थित पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी का निरीक्षण किया। एएसआई टीम ने फिरोजपुर किले का भी निरीक्षण किया। टीम के साथ डीएम और एसपी भी मौजूद रहे। डीएम-एसपी के साथ टीम के लोगों ने बावड़ी के अंदर जाकर, दीवारों को छूकर पूरा निरीक्षण किया। टीम ने तोता-मैना की कब्र भी देखी। जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि संभल प्राचीन नगर रहा है। इस नगरी में इतिहास से लेकर वर्तमान तक अनेक अवशेष उपलब्ध हैं और दिखते भी हैं। उनको संरक्षित और सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। उसी क्रम में एएसआई की टीम आई थी।

उन्होंने बताया कि फिरोजपुर का किला पहले से एएसआई के संरक्षण में है। एएसआई ने उसे सुरक्षित करने के लिए चारदीवारी बनाई है। इसके बावजूद आसपास के लोगों का आना-जाना लगा रहता है। अब, एएसआई इस ओर ध्यान देगा। दूसरा नीमसार का कुआं सबसे जागृत कूप है। उसी में जल मिला है। वह तीर्थ भी जागृत है। यहां 10-12 फीट की गहराई पर जल है। तोता-मैना की कब्र थोड़ी जीर्ण हालत में है। उसे सुरक्षित करने की आवश्यकता है। इसके अलावा राजपूत काल की बावड़ी जो कि पृथ्वीराज के समय में बनी थी, वह बहुत सुंदर और भव्य है, उसे भी सुरक्षित करने की आवश्यकता है।

डीएम ने आगे कहा कि इतिहास को आप संजोएंगे नहीं तो वह आपका साथ छोड़ देगा। इसे पकड़ना और सुरक्षित करना होता है और बताना-सीखना भी पड़ता है। जब संभल सुरक्षित और संरक्षित होगा तो पूरा संसार यहां आएगा, घूमेगा और तीर्थाटन करेगा। यहां की धरोहरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। पुरातत्वविदों और एएसआई के साथ मिलकर हम अपनी विरासत को सुरक्षित और संरक्षित करेंगे, भविष्य को इसके बारे में बताएंगे। डीएम ने कहा कि यहां 200 से लेकर 250 ऐसे स्थान होंगे, जहां पर लोग आएंगे, दो-चार दिन का समय बिताएंगे।

यह भी पढ़ें :  बिहार : पीएम मोदी से प्रेरित होकर मोटे अनाजों की खेती कर रहे मोतिहारी के किसान, पहले से ज्यादा हो रहा मुनाफा 

हम कहेंगे – “एक दिन गुजारिए संभल में”। हम सभी कूपों को संरक्षित कर रहे हैं। एक कूप जल्दी ही सामने होगा। यहां के स्थान का भ्रमण किया जा रहा है। संभल के कुछ स्थानीय लोगों ने मंदिर के पास ही गली में स्थित खाली प्लॉट में बावड़ी होने का दावा किया था। डीएम के आदेश पर उसी दिन खुदाई शुरू की गई तो बावड़ी अस्तित्व में आने लगी। रोजाना सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुदाई का कार्य चल रहा है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय