लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां घोषणा की कि राज्य के 18 मंडलों में सीबीएसई पैटर्न पर संचालित होने वाले वर्ल्ड क्लास फैसिलिटीज युक्त अटल आवासीय विद्यालय जल्द ही 57 जिलों में भी शुरू किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 12 से 15 एकड़ में फैले ये विद्यालय न केवल विद्यार्थियों के कौशल विकास का केंद्र बनेंगे, बल्कि देश की उन्नति में योगदान देने वाले श्रमिकों, वंचितों व निराश्रितों के बच्चों के लिए शिक्षा के साथ ही समेकित विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आज लोकभवन सभागार में आयोजित ‘अटल आवासीय विद्यालय गुरूवार्ता संगम’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर योगी ने अटल आवासीय विद्यालय के लिए चयनित विद्यार्थियों को स्कूली किट वितरित करते हुए उन्हें व्यक्तिगत तौर पर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। इसके अतिरिक्त अटल आवासीय विद्यालय की परिचायिका व अटल आवासीय विद्यालय से जुड़ी वेबसाइट http//www.atalvidyalaya.org की लॉन्चिंग भी की।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था कि देश के निम्न आय वर्ग के लोगों तक भी वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर्स और सुविधाओं तक पहुंच हो। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा व अंत्योदय की प्रेरणा को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश में 18 अटल आवासीय विद्यालयों की शुरुआत की जा रही है। ये विद्यालय न केवल श्रमिकों, निराश्रितों व वंचित वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा का सपना साकार करने वाला कदम होगा बल्कि गुरुकुल परंपरा के मूल्यों को साथ लेकर भारतीय मूल्यों का संवर्धन कर युवाओं की एक ऐसी पौध विकसित करेगा जो पूरी दुनिया में भारत के सच्चे मूल्यों के ध्वजवाहक बनेंगे।
मुख्यमंत्री योगी ने कार्यक्रम में 18 अटल आवासीय विद्यालयों के प्रिंसिपल्स, 130 चयनित टीचर्स, 137 आउटसोर्सिंग स्टाफ व 848 एमटीएएस समेत कनिष्ठ कार्मिकों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल मे जिन बच्चों ने अभिभावकों को खोया है उनके लिए हमने बाल सेवा योजना शुरू की। उन्हें भी इसमें प्रवेश का लाभ दिया जायेगा। अटल जी कहा करते थे कि आदमी न बड़ा होता है, न छोटा होता है, आदमी सिर्फ आदमी होता है। श्रमिक राष्ट्र का निर्माता है। वह अपनी मेहनत पसीने से राष्ट्र के निर्माण में सहयोग देता है, लेकिन उसकी जिंदगी खानाबदोश होती है। आज यहां, कल कहीं और होगा, उसके पीछे उसके बच्चे भी ऐसे ही सफर करते हैं। इन्हीं बच्चों के लिए ये अटल आवासीय विद्यालय हैं। यहां से 6 वर्ष बाद जब स्टूडेंट्स बाहर निकलेंगे तो स्वावलंबी, आत्मनिर्भर होकर निकलें, यही लक्ष्य है। टीचर्स को इसे सुनिश्चित करना होगा और ऐसा करने के लिए नए प्रयास करने होंगे। याद रखिए, हमको लकीर का फकीर नहीं बनना है, हमको अभिनव प्रयोग करना होगा।
योगी ने कहा कि हमारी समस्या यह है कि हर व्यक्ति दूसरे पर निर्भर हो जाता है। सरकार संस्थान तो निर्माण करवा देती है और सुविधा देती है लेकिन उसका उपभोग करने वाले पानी की टोंटी बंद नहीं करते। यह कहने का आशय है, उपभोग करने वालों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। बिल्डिंग बहुत भव्य बनी हो लेकिन उसकी देखरेख, रखरखाव के अभाव में भवनों पर पेड़ उग आते हैं। ऐसे ही भवन खंडहर हो जाते हैं। टीचर्स को ये सुनिश्चित करना होगा। साथ ही, स्वच्छता, शुचिता और परिसर को पूर्णतः व्यसन मुक्त करना सुनिश्चित करना होगा तभी स्टूडेंट्स का समेकित विकास संभव हो पाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, अनुशासन आवश्यक है, अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर नहीं होगी तो एक आदर्श स्थिति की नींव पड़ेगी जो आगे चलकर उदाहरण बनेगी। उन्होंने कहा कि खेलकूद, निबंध व अन्य प्रतियोगिताएं होनी चाहिए, तभी आप कुछ नया दे पाएंगे। देश समाज में क्या घटित हो रहा है व शासन की नई योजनाए क्या हैं, इसकी जानकारी होना आवश्यक है। छात्रों को लाइब्रेरी की ओर प्रेरित करना है। इसके अतिरिक्त आवासीय कैम्पस में राष्ट्रीय व धार्मिक पर्वाें पर प्रधानाचार्य, अध्यापकों को बच्चों को एक स्पीच के माध्यम से जानकारी देकर सांस्कृतिक व व्यवहारिक मूल्यों के संवर्धन पर बल देना होगा।
इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह, श्रम व रोजगार विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार, मोहनलालगंज के विधायक अमरेश कुमार व अटल आवासीय विद्यालय की महानिदेशक निशा आनंद प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
अटल आवासीय विद्यालय बुलंदशहर (मंडल मेरठ) की प्रिंसिपल अमर कौर ने कहा कि अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना समाज के वंचित समाज के बच्चों के लिए शिक्षा का वरदान है। वहीं, अटल आवासीय विद्यालय लखनऊ के प्रिंसिपल सुखबीर सिंह ने कहा कि यह मुख्यमंत्री योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसमें पंजीकृत श्रमिकों के बच्चे प्रवेश परीक्षा के जरिए प्रवेश पाएंगे। कोरोना काल में माता-पिता को गंवाने वाले बच्चों को भी इन विद्यालयों में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी युक्त फ्री एजुकेशन दी जाएगी। छात्र-छात्राओं के लिए अलग छात्रावास युक्त ये विद्यालय नवोदय विद्यालय की तर्ज पर उससे भी आगे बढ़कर बच्चों को संस्कारवान नागरिक बनाएंगे।
वहीं, मुख्यमंत्री योगी से स्कूल यूनिफॉर्म, ट्राउजर्स, कुर्ता, मच्छरदानी, किताबें व बैग, चॉकलेट प्राप्त कर बच्चों के चेहरे खिल उठे। मुख्यमंत्री से किट प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में सना बानो, मंजू राजभर, आलोक कुमार व अन्य शामिल रहे। सभी ने मुख्यमंत्री योगी का आभार जताते हुए प्रसन्नता व्यक्त की।