सहारनपुर। आजाद समाज पार्टी कांशीराम और भीम आर्मी प्रमुख 37 वर्षीय चंद्रशेखर आजाद पर हमले की वारदात के 48 घंटे बाद भी पुलिस भरसक कोशिश के बाद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी हैं। पुलिस के छह दल हमलावरों की गिरफ्तारी में लगाए गए हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक स्वाट टीम के प्रभारी संजीव यादव समेत तेज तर्रार पुलिस निरीक्षकों की अगुवाई वाली टीमें हरियाणा, गाजियाबाद, उत्तराखंड आदि स्थानों पर हमलावरों की गिरफ्तारियों के लिए गई हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चंद्रशेखर पर हमले को लेकर अपनी चिंता और नाराजगी जता चुके हैं। मुख्यमंत्री के कड़े निर्देशों के बाद पुलिस का तमाम अमला हमलावरों की गिरफ्तारी में लगा हुआ है। डीजीपी विजय कुमार भी स्वयं यहां के पुलिस अधिकारियों के कार्रवाई की प्रगति को जानने का काम कर रहे हैं। ध्यान रहे बुधवार शाम चार बजकर बावन मिनट पर स्वीफ्ट कार सवार हमलावरों ने फोरच्यूनर कार में सवार चंद्रशेखर पर बहुत ही नजदीक से चार राउंड फायर किए थे। लेकिन चंद्रशेखर के सौभाग्य से कोई भी गोली उन्हें नहीं लग पाई। पुलिस के मुताबिक एक गोली चंद्रशेखर की कनपटी के पास से गुजर गई और एक गोली उनके सिर झुका लेने से उनकी कमर को छूती हुई सीट में धंस गई। एक गोली उनकी कार की खिड़की में घुस गई और एक गोली ने उनकी खिड़की के शीशे चकनाचूर कर दिया।
गोलियां 315 और 312 बोर के हथियारों से चलाई गई। पुलिस ने इस हमले में प्रयुक्त स्वीफ्ट कार देवबंद के गांव मिरगपुर निवासी किसान देवेंद्र चौधरी के यहां से घटना के दो घंटे बाद ही बरामद कर ली थी। जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र ने आज बताया कि प्रशासन ने चंद्रशेखर को बेहतर से बेहतर इलाज कराने की जिम्मेदारी को ठीक से निभाया है और अभी उन्हें अस्थाई रूप से पुलिस की सुरक्षा मुहैया करा दी है। उन्होंने कहा कि अस्थाई सुरक्षा के लिए पुलिस-प्रशासन तय नियमों के अनुसार कार्रवाई करेगा। ध्यान रहे चंद्रशेखर आजाद को बृहस्पतिवार शाम पांच बजे सहारनपुर जिला अस्पताल से छुट्टी देकर उनके घर छुटमलपुर भेज दिया गया था। चंद्रशेखर आजाद ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें काफी दिनों से हत्या किए जाने की धमकियां मिल रही थीं। उनकी ओर से जिला पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के साथ-साथ डीजीपी उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की गई थी लेकिन उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई।
विपक्षी नेताओं के साथ-साथ भाजपा के भी कई प्रमुख नेताओं सहारनपुर महानगर के विधायक राजीव गुंबर, सहारनपुर के मेयर डा. अजय कुमार सिंह, भाजपा के पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा, भाजपा के दलित नेता एवं रामपुर मनिहारान के विधायक देवेंद्र निम, भाजपा के महानगराध्यक्ष राकेश जैन, रालोद विधान मंडल दल के नेता राजपाल बालियान, विधायक प्रसन्न चौधरी, विधायक अनिल कुमार, पूर्व विधायक अब्दुल वारीश, सपा नेता सरफराज खान, राकेश शर्मा, चौधरी वीरपाल सिंह आदि नेताओं ने चंद्रशेखर से मिलकर उनका हालचाल जाना और उन पर हुए हमले पर गहरा दुख जताया। ओलंपिक खिलाड़ी साक्षी मलिक एवं बजरंग पूनिया, उत्तर प्रदेश विधान सभा में राष्ट्रीय लोकदल के विधायक चंदन सिंह चौहान, रालोद खतौली के विधायक मदन भैय्या, पूर्व सांसद राजपाल सैनी आदि नेताओं ने भी चंद्रशेखर से मुलाकात कर हमले की निंदा की। चंद्रशेखर के दोनों संगठनों के पदाधिकारियों की ओर से चंद्रशेखर को सुरक्षा दिए जाने की मांग की गई। यदि पुलिस 24 घंटे के भीतर हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं करती है और चंद्रशेखर को सुरक्षा प्रदान नहीं करती है तो 3 जुलाई को सहारनपुर बंद रखा जाएगा और महापंचायत आयोजित की जाएगी। चंद्रशेखर ने अपने ऊपर हुए हमले को सत्ता के संरक्षण मे हुआ सुनियोजित हमला बताया है। ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक ने चंद्रशेखर को बहुत अच्छा इंसान और अपना भाई बताते हुए कहा कि वे हमेशा सच का साथ देते है। उन्होंने सरकार से चंद्रशेखर को सुरक्षा देने और हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की है। फिलहाल पूरे जिले में स्थिति पूरी तरह से सामान्य और आम दिनों जैसी बनी हुई है। दलितों में रोष और असंतोष बना हुआ है लेकिन उन्हें भरोसा है कि राज्य सरकार और पुलिस हमलावरों को शीघ्र गिरफ्तार कर लेगी।