नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार द्वारा सरकारी टेंडरों में मुस्लिम ठेकेदारों को चार फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमारा संविधान कभी भी धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है और इसलिए कांग्रेस कभी भी सफल नहीं होगी। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “पहले चर्चा सांप्रदायिक कोटे (आरक्षण) के बारे में थी और अब अनुबंधों में भी कोटा लागू कर दिया गया है। कोटा लागू करने की कोशिश पूरी तरह से संविधान की हत्या करने की साजिश है।
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हालांकि, ऐसा करने वाले कभी भी सफल नहीं होंगे। यहां तक कि वे भी जानते हैं कि हमारा संविधान कभी भी धर्म के आधार पर कोटा की अनुमति नहीं देता है, लेकिन उनकी आदत हो गई है कि ‘कोटे के लोटे से आरक्षण की अफीम चटाओ’ और वोटों का ध्रुवीकरण करो। इससे कोई भी फायदा नहीं होने वाला है, क्योंकि ये चीजें बार-बार एक्सपोज हो रही हैं। इस तरह के सांप्रदायिक छल को संवैधानिक बल से ध्वस्त करने की जरूरत है।” वक्फ (संशोधन) विधेयक पर असदुद्दीन ओवैसी के बयान को लेकर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “मुझे लगता है कि कुछ लोग सिर्फ भय और भ्रम का भूत बनकर घूमते रहते हैं।
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उनका काम समाज में बिखराव और टकराव की साजिश करना है। जहां तक वक्फ के सिस्टम का सवाल है, तो उस दिशा में कुछ लोग सांप्रदायिक वार कर रहे हैं। वे भी जानते हैं कि जो वक्फ का सिस्टम है, उसमें संवैधानिक सुधार की जरूरत है, क्योंकि वह समाज के लिए भी नुकसान कर रहा है। जिस काम के लिए वक्फ के सिस्टम को बनाया गया था, वह कहीं न कहीं रास्ते से भटका हुआ है, लेकिन कुछ लोग कहेंगे कि इस्लाम खतरे में आ जाएगा। मैं उनसे इतना ही कहूंगा कि बेईमान जरूर खतरे में हैं।”
तमिलनाडु सरकार के परिसीमन के विरोध पर भाजपा नेता ने कहा, “विपक्षी सदस्यों को याद रखना चाहिए कि कांग्रेस के समय में विभिन्न बड़े राज्यों में परिसीमन किया गया था। परिसीमन का फार्मूला कई कारकों को ध्यान में रखता है, जिसमें किसी क्षेत्र की सामाजिक स्थिति, जनसंख्या की स्थिति और भौगोलिक पहलू शामिल हैं। इन विचारों के आधार पर परिसीमन एक व्यवस्थित तरीके से किया जाता है। परिसीमन पर राजनीतिक रूप से हमला करना बुद्धिमानी नहीं है। परिसीमन के बारे में बहस करनी चाहिए और तथ्यों के साथ अपनी बात रखनी चाहिए, न कि भ्रम पैदा किया जाए।”