बेंगलुरु। बेंगलुरु के सिटी सिविल कोर्ट ने शनिवार को अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी। अतुल सुभाष ने पिछले महीने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के वकील पोन्नन्ना ने कहा, “हमने अभी तक कोर्ट के आदेश की समीक्षा नहीं की है।
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जो भी शर्तें लगाई गई हैं, हम उस पर गौर करेंगे। अपीलीय अदालत के समक्ष जाने और इस आदेश के लिए अपील करने का अवसर होता है, हम वह करेंगे।” अतुल के दूसरे वकील विनय सिंह ने कहा, “अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है। हमें आगे कोई भी बयान देने से पहले आदेश का विश्लेषण करने की जरूरत है। यहां कोर्ट की कार्यवाही पर चर्चा करना उचित नहीं है। उनका तर्क तकनीकी आधार पर था, जबकि हमारा तर्क तथ्यात्मक और तकनीकी दोनों पहलुओं पर आधारित था।” दरअसल सुभाष की पत्नी और ससुराल वालों को पिछले महीने बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
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मृतक के भाई की शिकायत के आधार पर सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस पूछताछ के दौरान निकिता ने दावा किया कि अतुल ही उसे परेशान करता था। उन्होंने मामले में जमानत के लिए बेंगलुरु की सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
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एक निजी कंपनी में डिप्टी जनरल मैनेजर 34 वर्षीय सुभाष ने 9 दिसंबर को अपने बेंगलुरु अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने 24 पन्नों का एक नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इससे पहले दिसंबर में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानिया को अग्रिम जमानत दे दी थी, जो इस मामले में भी शामिल हैं।