Friday, November 22, 2024

नोएडा में साईकिल सवार को टक्कर मारकर ऑटो चालक ने मृतक का शव सड़क किनारे फेंका

नोएडा। एनएसइजेड रेड लाइट पर साइकिल सवार को टक्कर मारने के बाद ऑटो चालक और उसका साथी घायल को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने के लिए निकला। रास्ते में ही घायल की मौत हो गई तो आरोपी ऑटो चालक और उसके साथी ने मृतक का शव नॉलेज पार्क थानाक्षेत्र में सड़क किनारे फेंक दिया और फरार हो गए। मृतक की पहचान होने के बाद फेस- दो थाने की पुलिस ने आरोपी ऑटो चालक और उसके साथी को लापरवाही से वाहन चलाने और सबूतों को मिटाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हादसे के दो दिन बाद मृतक के करीबियों ने साइकिल सवार को पहचानने से इनकार कर दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने ही शव की पहचान की।
फेस-2 पुलिस को दी शिकायत में सलारपुर गांव निवासी प्रेमचंद ने बताया कि उसका मौसेरा भाई चंद्रप्रकाश सलारपुर के राजीव कॉलोनी में परिवार के साथ रहता था। 13 जुलाई को वह  होजरी कांप्लेक्स स्थित कंपनी में ड्यूटी करने के लिए निकला पर घर वापस नहीं लौटा। रिश्तेदारों और करीबियों के यहां तलाश करने के बाद भी चंद्रप्रकाश के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो प्रेमचंद ने संबंधित थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।
शिकायतकर्ता की बिल्डिंग में रहने वाले उमेश कुमार ने शनिवार को प्रेमचंद से पूछा कि उसे भाई चंद्रप्रकाश की हालत कैसी है। इस पर शिकायतकर्ता ने कहा कि वह तो एक सप्ताह पहले से लापता हैं। इसपर उमेश ने कहा कि चंद्रप्रकाश का एक्सीडेंट 13 जुलाई को एनएसईजेड रेडलाइट के पास हो गया था। हादसे के बाद चंद्रप्रकाश की साइकिल में टक्कर मारने वाला ऑटो चालक और उसका साथी उपचार के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराने के लिए निकला। जिस समय हादसा हुआ उमेश कुमार भी घटनास्थल पर मौजूद था। हादसे के बाद उमेश ने ऑटो का नंबर और चालक और उसके साथी का नाम नोट कर लिया था। ऑटो चालक की पहचान कुलेसरा निवासी सौरभ और उसके साथी की पहचान हर्ष के रूप में हुई।
गिरफ्तारी के बाद सौरभ ने पुलिस को बताया कि जब वह घायल चंद्रप्रकाश को उपचार के लिए ले जा रहे थे तभी उसकी मौत हो गई। ऐसे में सौरभ और हर्ष ने शव को नॉलेज पार्क थानाक्षेत्र में सड़क के किनारे फेंक दिया।   41 वर्षीय चंद्रप्रकाश का नालेज कोतवाली पुलिस ने अज्ञात में अंतिम संस्कार कर दिया। घटना के दो दिन बाद परिजन सिर में चोट होने के कारण पहली बार में शव को पहचान नहीं पाए। फेज दो कोतवाली पुलिस ऑटो नंबर से दोनों आरोपियों तक पहुंची। दूसरी बार में सगे भाई को दिखाने पर अज्ञात शव की पहचान चंद्रप्रकाश के रूप में हुई।
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