पौष्टिक आहार, सादा भोजन और संतुलित आहार के सिद्धांत को नजरअंदाज न करें। शारीरिक व्यायाम से दूरी न बनाएं रखें। शारीरिक व्यायाम शरीर और दिमाग दोनों के लिए जरूरी होता है। हमें फिट रहने के लिए नियमित 30 मिनट का व्यायाम करना चाहिए। नियमित व्यायाम दिमाग में हुई क्षति की पूर्ति करने में मदद करता है।
धूम्रपान व नशे की आदत छोड़ दें, अगर किसी को थोड़ी सी भी दिमागी समस्या पहले से हो और वह लगातार धूम्रपान, नशा करता रहे तो यह समस्या और बढ़ जाती है। जो ठीक भी होते हैं लगातार धूम्रपान और नशे के सेवन उनके दिमागी संतुलन को बिगाड़ सकता है।
डाक्टर के पास जाने में आनाकानी न करें। अक्सर हम लोग कुछ कुछ बीमारियों के लिए डाक्टर के पास जाना पसंद नहीं करते। बस घरेलू इलाज ही करते रहते हैं। कभी कभी हमारी स्वास्थ्य हेतु की गई ये लापरवाहियां हमें भारी पड़ती हैं जैसे चक्कर आना, तुतलाहट, हाथ पांव सुन्न होना, लगातार सिर दर्द आदि इन समस्याओं को नजरअंदाज न करते हुए डाक्टर से परामर्श लें।
सामाजिक तौर से निष्क्रिय न रहें। यह समस्या बड़े शहरों में बहुत है। वहां लोगों में समय की कमी के कारण लोगों का संबंधियों व दोस्तों से मिलना बहुत कम होता है। बहुत सी समस्याओं का समाधान तो आपस में डिस्कस करने से दूर हो जाता है। मनोवैज्ञानिक के अनुसार अपना सोशल सर्कल बना कर रखना जरूरी है। यह कई तनावों से दूर रखता है।
6 से 8 घंटे की नींद न लेने से भी दिमाग अस्वस्थ हो सकता है। नाइट जॉब्स से बच कर रहें। समय पर सोयें।
जीवन में तनाव तो बहुत हैं, यथा आफिस से संबंधी, परिवार से संबंधी अन्य आदि तनाव हर दिन बढ़ते ही जातेे हैं। इन्हें बाहर निकालने के लिए किसी विश्वसनीय मित्र या संबंधी से बात करना जरूरी होता है। नियमित व्यायाम, ध्यान कर भी हम अपने दिमाग को रिलैक्स रख सकते हैं। आज के रेट्रो सिटीज में आपसी संबंधों में अविश्वसनीयता भी तनाव का बहुत बड़ा कारण है। संबंधों में विश्वास बना कर रखें।
अगर हम गलतियां करते रहेंगे तो हमारा दिमाग स्वस्थ कैसे रहेगा। नतीजतन हम डिमेंशिया, अल्जाइमर्स, माइग्रेन, ब्रेन स्ट्रोक के शिकार बन सकते हैं। इसलिए अपने दिमाग की सेहत पर ध्यान देना अति आवश्यक है। तनाव से दूर रहने का प्रयास किया जाए।
संतुलित आहार में अनाज, सब्जियां, फल, दालें, मेवे का सेवन नियमित करें। विटामिन ई और ओमेगा थ्री दिमाग को स्वस्थ रखने हेतु नियमित लें। अंडा, मछली, कद्दू के बीज, पालक का सेवन कर इन कमी को दूर रखें। वसायुक्त और तैलीय भोजन से बच कर रहें क्योंकि इससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। जंक फूड, इससे गरिष्ठ भोजन का लंबेे समय तक सेवन करने से अल्जाइमर्स रोग होने का खतरा बढ़ सकता है।
– नीतू गुप्ता