मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक की मासिक बैठक का आयोजन सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन पर किया गया। बैठक में जनपद के किसानों की समस्याओं पर मंथन कर भविष्य के आंदोलन की रूपरेखा तय की गई।
मासिक बैठक में किसानों ने गन्ना भुगतान, समय पर चीनी मिल चलने, तहसीलों में व्याप्त भ्रष्टाचार, चकबंदी विभाग द्वारा किसानों के उत्पीडऩ, आवारा पशुओं की समस्याओं को उजागर किया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने भुगतान नहीं, तो गन्ना नही आंदोलन को चलाया है, जिससे आज किसान उन शुगर मिलों के क्रय केंद्र नही लगने दे रहे है। शुगर मिल पर वर्तमान में आंदोलन मरम्मत कार्य प्रभावित होगे, जो किसान हित में नहीं है।हमारा आंदोलन क्रय केंद्र से है जो शुगर मिल भुगतान नहीं करेगी, किसान गन्ना नही देगे। जिला गन्ना अधिकारी अगर किसानों के प्रस्ताव पर आवंटन नही करते है, तो गन्ना समितियों पर किसान गन्ना लेकर जायेगे।
उन्होंने कहा कि भुगतान नहीं गन्ना नही आंदोलन के नतीजों से घबराकर बजाज हिन्दुस्थान समूह ने बकाया गन्ना भुगतान में 1500 करोड़ रुपए देने का निर्णय लिया है, जो एक सप्ताह में किसानो के खाते में जाएगा, अगर भुगतान नहीं किया, तो किसान गन्ना नहीं देगा।
लखनऊ में मुख्यमंत्री से वार्ता में दिए आश्वासन से भाकियू आश्वस्त है कि गन्ना मूल्य वृद्धि की जाएगी। अंकित चौधरी जिलाध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने कहा कि तहसीलों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। राजस्व लेखपाल अपने निजी सहायक से आदेश के बिना कोई कार्य नहीं कर रहे है। लेखपाल निजी व्यक्तियों के माध्यम से रिश्वत लेकर किसानों का उत्पीडऩ कर रहे है। ऐसे लोगों के खिलाफ जिला प्रशासन कार्यवाही करे अन्यथा भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही है। उनका मुँह काला कर तहसीलों में घुमाने का कार्य किसान करेगे। आप न्याय के लिए संगठित आंदोलन करे, लेकिन गलत कार्य में किसी का सहयोग न करे। हर सप्ताह के रविवार को एक नए गांव में संगठन की बैठक करे।