लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट कानून को योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे लिफ्ट हादसों को रोकने के लिए गौतमबुद्ध नगर की जेवर सीट से विधायक धीरेन्द्र सिंह ने पहली बार यह मुद्दा विधानसभा में उठाया था। उन्होंने योगी आदित्यनाथ से सिफारिश की थी कि हादसों को रोकने के लिए लिफ्ट एक्ट और एक्सेलेटर विधेयक को लागू किया जाए। उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू हो गया है।
इस एक्ट के लागू होने के बाद किसी भी हाउसिंग सोसाइटीया अन्य स्थानों पर लिफ्ट एवं एक्सेलेटर लगाने से पहले यूपी सरकार के ऊर्जा विभाग से अनुमति लेनी होगी। इसमें काफी शर्तें होंगी, जिसके आधार पर काम करना होगा। लिफ्ट एक्ट के प्रारूप को लेकर सोमवार (5 जनवरी 2024) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई और इस बैठक में लिफ्ट एक्ट पर अंतिम मुहर लग गई।
आपको बता दें कि ज़ेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने लगातार हो रहे लिफ़्ट हादसों की तरफ उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुद्दा उठाया और लिफ़्ट क़ानून बनाने की मांग की थी। पिछले विधानसभा सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने धीरेंद्र सिंह को लिफ़्ट एक्ट पास करवाने का आश्वासन दिया था।
धीरेंद्र सिंह ने बताया कि दिसंबर में एक सप्ताह के लिए विधानसभा सत्र आयोजित किया गया, लेकिन लिफ़्ट एक्ट लागू नहीं करवाया जा सका था। यह क़ानून विधानसभा में 28वें नंबर पर पेश किया जाना था। उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग को आदेश दिया कि क़ानून में पर्याप्त उपबंध नहीं हैं। कानून को और मज़बूत बनाने की आवश्यकता है। लिहाज़ा, निर्णय लिया गया कि लिफ़्ट एक्ट पास करने के लिए विधानसभा में बिल अगले साल बजट सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर लिफ़्ट एक्ट के मसौदे का बारीकी से अध्ययन किया था। अब इस क़ानून को योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी।