हल्द्वानी। हल्द्वानी में हर दिन पेयजल का संकट बना रहता है। लगातार खराब होने वाले ट्यूबवेल लोगों की परेशानियां और बढ़ाते हैं। एक बार ट्यूबवेल खराब होने पर 10 से 15 दिन बाद ही आपूर्ति फिर से बहाल हो पाती है। अब इस संकट के समाधान के लिए कवायद शुरू हो गई है। हल्द्वानी के सभी 87 ट्यूबवेल को आपस में जोड़ा जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी कार्रवाई शुरू हो गई है। वहीं शहरी इलाकों में भी जल्द यह कवायद शुरू की जाएगी। गौला नदी के पानी को फिल्टर करने के साथ 87 ट्यूबवेल से भूजल निकाल कर हल्द्वानी के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की जाती है। एक ट्यूबवेल खराब होने पर प्रभावित क्षेत्र में कई दिनों तक लोगों का दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब समस्या के समाधान के लिए कार्रवाई शुरू हो गई है। जल संस्थान और जल निगम ने ग्रामीण क्षेत्र में नजदीकी ट्यूबवेल का आपस में जोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
उत्तराखंड स्टेट अर्बन डेवलपमेन्ट एजेंसी (यूयूएसडीए) ने शहरी इलाके में नई पेयजल लाइन बिछाने के साथ ही यहां मौजूद ट्यूबवेल को भी आपस में जोड़ने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। नजदीकी ट्यूबवेल को आपस में जोड़ने की कार्रवाई पूरी होने के बाद एक ट्यूबवेल के खराब होने पर दूसरे से पानी की आपूर्ति किया जाना संभव होगा, जिससे लोगों को पानी के लिए परेशानी नहीं उठानी होगी। पानी की सप्लाई के लिए टैंकर का संचालन किया जाना भी जरूरी नहीं होगा।
हल्द्वानी शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद ट्यूबवेल को जल जीवन मिशन के तहत आपस में जोड़ने की कार्रवाई की जा रही है। नजदीकी ट्यूबवेल की सप्लाई लाइन एक ही होने से जरूरत के अनुसार इनका इस्तेमाल प्रभावित क्षेत्र में पेयजल देने के लिए किया जाएगा। लगातार उपयोग किए जाने से जल संस्थान के आधा दर्जन से ज्यादा ट्यूबवेल खराब होते हैं। इस स्थिति में प्रभावित क्षेत्र में कई दिनों तक लाइन से पानी की आपूर्ति ठप हो जाती है, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए निजी टैंकर से पानी तक मंगवाना पड़ता है।
जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में नजदीकी ट्यूबवेल आपस में जोड़े जा रहे हैं। यह कार्य पूरा होने के बाद पानी की आपूर्ति बेहतर हो जाएगी।