नई दिल्ली। भारत का संचयी कोयला उत्पादन अप्रैल से फरवरी की अवधि में 928.95 मिलियन टन रहा है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 878.55 मिलियन टन था, यह सालाना आधार पर 5.73 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है। यह जानकारी शनिवार को सरकार द्वारा दी गई। कोयला मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि समीक्षा अवधि में पावर प्लांट तक पहुंचाया गए कुल कोयले में सालाना आधार पर 5.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह बढ़कर 929.41 मिलियन टन पर पहुंच गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 880.92 मिलियन टन था।
मंत्रालय ने आगे कहा कि कोयला सेक्टर में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है। फरवरी में कैप्टिव और अन्य संस्थाओं से होने वाला कोयला उत्पादन सालाना आधार पर 30.16 प्रतिशत बढ़कर 173.58 मिलियन टन पर पहुंच गया है। यह एक साल पहले समान अवधि में 133.36 मिलियन टन था। मंत्रालय के अनुसार, यह मजबूत प्रदर्शन ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि देश बढ़ती मांग को कुशलतापूर्वक पूरा करे।
सरकार आने वाले महीनों में इस सकारात्मक गति को बनाए रखते हुए बुनियादी ढांचे के विकास और परिचालन दक्षता को बढ़ा रही है। 28 फरवरी को केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि सरकार कोयला परियोजनाओं की मंजूरी में सुधार करने के लिए लगातार एक्शन ले रही है। 12वें दौर के दौरान कुल 30 कोयला ब्लॉक नीलामी के लिए रखे जाएंगे। इसके अतिरिक्त एक ऐतिहासिक पहल के तहत, कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने बड़े पैमाने पर ‘गृहणियों के लिए प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण कार्यक्रम’ शुरू किया है। कार्यस्थल से परे और अपने कर्मचारियों के घरों तक प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, एनसीएल प्राथमिक देखभाल के प्रति जागरूक समुदाय को बढ़ावा दे रहा है। इस पहल का लक्ष्य इस साल जून तक एनसीएल की 8,000 गृहणियों को कवर करना है।