रांची। झारखंड कैबिनेट ने पीएम आवास योजना की तर्ज पर “अबुआ आवास योजना” को मंजूरी देते हुए एक साल में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए तीन लाख आवास बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए 4,107 करोड़ के खर्च को स्वीकृति दी गई है। इस योजना के तहत आगामी तीन सालों में कुल 8 लाख आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ये आवास उन लोगों को दिए जाएंगे, जिन्हें पीएम आवास योजना के तहत मकान नहीं मिल पाया है।
सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार शाम हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना के साथ-साथ कुल 29 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पहले बड़े बजट वाली इस अहम योजना को हेमंत सरकार का चुनावी स्ट्रोक माना जा रहा है।
कैबिनेट की बैठक के बाद हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार हर बैठक में जनहित में ऐतिहासिक फैसले लेती रही है। उन्होंने कहा कि अबुआ आवास योजना में लोगों को बड़ा आवास मिलेगा। इस योजना में पात्र लाभार्थियों को 2 लाख रुपए की लागत से 3 कमरों वाला मकान दिया जाएगा।
बता दें कि तीन साल में झारखंड के लिए पीएम आवास योजना से लगभग साढ़े आठ लाख आवास निर्माण की मंजूरी नहीं मिली है। सीएम हेमंत ने 15 अगस्त 2023 को अबुआ आवास योजना की घोषणा की थी। कहा था कि जरूरतमंदों को तीन कमरे का आवास मिलेगा।
पिछले दिनों सीएम ने यह भी कहा था कि मैंने राज्य में सभी के लिए तीन कमरों के घर का वादा किया था। वादे को पूरा करते हुए, मैं अबुआ आवास योजना की शुरुआत करने जा रहा हूं। इस योजना में कच्चे घरों में रहने वाले परिवार, आवास विभिन्न एवं निराश्रित परिवार, विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के परिवार, प्राकृतिक आपदा के शिकार परिवार, कानूनी तौर पर रिहा किए गए बंधुआ मजदूरों को आवास आवंटित करने में प्राथमिकता दी जाएगी।
कैबिनेट ने एक अहम फैसला में मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना को भी मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत पहले चरण में ग्रामीण इलाकों में सरकार की ओर से 250 बसों को संचालित किया जाएगा। इन बसों में सभी वरिष्ठ नागरिक, विद्यालय और महाविद्यालय के विद्यार्थी, दिव्यांग, एचआईवी पॉजिटिव, विधवा और झारखंड आंदोलनकारी निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे।
इस योजना के तहत निर्धारित रूटों पर बस संचालित करने वाले बस संचालकों को वाहन खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा परमिट और फिटनेस शुल्क माफ कर दिया जाएगा। कैबिनेट ने राज्य के कर्मचारियों को पेंशन मद में मिलने वाली राशि को वित्तीय संस्थान में निवेश करने, जल सहिया के बकाया मानदेय और प्रोत्साहन राशि के भुगतान के लिए 1 अरब, 10 करोड़ 24 लाख रुपए की राशि मंजूरी के फैसले पर भी मुहर लगाई।