बक्सर। बिहार के बक्सर की रहने वाली गरिमा लोहिया ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त कर राज्य का परचम देश में लहराया है।
परिणाम निकलने के बाद बक्सर आवास पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि उन्हें बेस्ट रैंक की उम्मीद जरूर थी, लेकिन इतने अच्छे रैंक की उम्मीद नहीं थी।
आईएएनएस के साथ बातचीत में गरिमा कहती है कि जब कोरोना देश में शुरू हुआ तो वह दिल्ली से वापस बक्सर आ गई, लेकिन उनकी मंजिल यूपीएससी ही रही। उस दौर में सारे कोचिंग बंद हो गए।
वे कहती हैं कि उन्होंने कभी प्रॉपर कोचिंग नहीं ली और यू ट्यूब तथा अन्य मेटेरियल से ही तैयारी करती रहीं, आखिर उसका परिणाम आज सबके सामने है।
बक्सर के वुडस्टॉक स्कूल से मैट्रिक पास करने के बाद वह पढ़ने के लिए बनारस और फिर दिल्ली चली गईं। दिल्ली के करोड़ीमल कॉलेज से स्नातक किया।
उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपनी मां को देते हुए कहा कि उसी से प्रेरणा मिली।
गरिमा के पिता का निधन 2015 में दिल का दौरा पड़ने से हो गया था और उन्होंने अपने तीनों बच्चों को संभाला। गरिमा का छोटा भाई अभी बनारस में रहकर बीबीए कर रहा है।
यूपीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को संदेश देने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हो सकता है कि प्रारंभिक दौर में असफलता मिले। लेकिन असफलता से घबराना नहीं चाहिए बल्कि फिर से पूरी ताकत से प्रयास करना चाहिए सफलता जरूर आएगी।
भविष्य में महिला के सशक्तिकरण और महिला शिक्षा के लिए काम करने इच्छा गरिमा ने जताई है।