वांशिगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच जारी द्विपक्षीय वार्ता पूरी हो गई है। दोनों नेताओं के बीच लगभग 2 घंटे तक बातचीत हुई। दोनों के बीच न्यू एनर्जी में साझेदारी बढ़ाने समेत कई अहम निर्णय लिया गया। दोनों नेताओं ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत-अमेरिका को भरोसेमंद साझेदार के तौर पर बनाने का निर्णय लिया है। द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका के डीएनए में लोकतंत्र है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की। पीएम मोदी का बाइडन ने अपनी पत्नी के साथ व्हाइट हाउस में स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश मंत्री जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी कैबिनेट से मुलाकात की। इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस में भव्य स्वागत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रथम महिला जिल बाइडन का आभार जताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडन के साथ साझा बयान जारी करते हुए कहा कि व्यापार और निवेश में अमेरिका-भारत साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। आज अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। हमने व्यापार से संबंधित लंबित मुद्दों को खत्म करने और एक नई शुरुआत करने का फैसला किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत और अमेरिका के संबंधों के इतिहास में एक विशेष महत्व रखता है। मोदी ने कहा कि आज की हमारी चर्चा और हमारे द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों से हमारी ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में एक नया अध्याय जुड़ा है। एक नई दिशा और एक नई ऊर्जा मिली है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि भारत और अमेरिका साथ मिलकर असीमित क्षमता वाले साझा भविष्य के दरवाजे खोल रहे हैं। स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए अंतरिक्ष उड़ान पर सहयोग और क्वांटम कंप्यूटिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया द्वारा बोइंग विमान खरीदने के समझौते से अमेरिका में 10 लाख नौकरियों को मदद मिलेगी।
पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त बयान में बाइडन ने कहा कि दोनों देशों की साझेदारी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी में से एक है।
इस अवसर पर विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और भारत के प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के संयुक्त प्रेस बयान से पहले पहुंचे।